एक ओर चिता जल रही थी तो दूसरी ओर कमरे में करती थी पढ़ाई.JAC साइंस टॉपर स्नेहा कुमारी की प्रेरणा देने वाली कहानी पढ़िये. आखिर कैसे स्नेहा कुमारी ने 98.02% अंक लाया और स्टेट टॉप किया.
रांची. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (Jharkhand Academic Council) यानी जैक (JAC) की 12वीं साइंस स्ट्रीम में स्नेहा कुमारी स्टेट टॉपर बनी हैं. स्नेहा रांची स्थित उर्सुलाईन इंटर कॉलेज की छात्रा है. स्नेहा ने 98.02 प्रतिशत अंक लाकर राज्य में टॉप किया है. स्नेहा को सबसे अधिक नंबर फिजिक्स में आए हैं. स्नेहा बताती है कि उसे बड़ी होकर इंजीनियर बनना है. स्नेहा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया, स्नेहा ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी स्टेट टॉप करे. पिता का सपना पूरा करने के लिए स्नेहा ने जी तोड़ मेहनत की और पिता के सपने को सच किया.
टॉपर स्नेहा ने आगे बताया कि उन्होंने शुरू से ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. कॉलेज से घर जाने के बाद पढ़ाई गई टॉपिक को रिवाइज करती थी. इसके साथ ही उन्होंने बीच-बीच में टेस्ट में दिया, जिससे उनके सारे विषय के डाउट खत्म होते गए. उन्होंने बताया कि वह आगे चलकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती है.
दादा जी का देहांत हुआ तो दादी ने दिया हौसला
स्नेहा ने न्यूज18 से बातचीत करते हुए बताया कि उनके दादा जी का देहांत 3 महीने पहले हुआ. वह समय पूरे परिवार के लिए बहुत भारी था. पूरा परिवार टूट गया था. इस दौरान पढ़ाई में बहुत दिक्कत होती है. मन पढ़ने में नहीं लगता था, लेकिन उस दौरान उनकी दादी ने उनको हौसला दिया और पढ़ने के लिए प्ररित किया.
प्रेरणा देने वाली जैक टॉपर स्नेहा की कहानी
स्नेहा की कहानी स्नेहा के पिता बताते हैं किं जिस वक्त स्नेहा का परीक्षा होने वाला था उस दौरान इसके दादाजी की तबीयत बिगड़ी थी और फिर उनका देहांत हो गया था. देहांत होने के बाद एक ओर चिता जल रही था तो दूसरी ओर बेटी कमरे में पढ़ाई कर रही थी. स्नेहा का डेडिकेशन ही उसे एक बेहतर और स्टूडेंट बनाता है.
स्नेहा की सफलता से दादी सबसे अधिक खुश
स्नेहा के पिता ने बताया कि वह बेटी की सफलता से इतने खुश हैं कि खुशी को जाहिर करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं. पिता ने कहा कि जब बेटियां नाम रोशन करती हैं तो बाप का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, यह मौका स्नेहा ने आज मुझे दिया है. स्नेहा शुरू से ही प्रतिभाशाली थी. उसने मैट्रिक परीक्षा में भी 1-5 के अंदर टॉप किया था. इसके साथ ही पिता ने स्कूल को धन्यवाद दिया. पिता ने आगे बताया कि 3 महीने पहले स्नेहा के दादा जी का देहांत हो गया था. उनकी दादी मां के ऊपर गम का पहाड़ था और स्नेहा की इस सफलता से उन्हें काफी खुश किया है.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 22:33 IST