नई दिल्ली16 मिनट पहले
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प्री मैच्योर पॉलिसी बंद करने पर पॉलिसी होल्डर्स को अब बीमा कंपनी से ज्यादा रिफंड मिलेगा। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स को ज्यादा स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) का आदेश दिया है।
इसके अलावा IRDAI ने बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स को पहले साल से ही सरेंडर वैल्यू देने को कहा है। यानी अब एक साल प्रीमियम जमा करने के बाद पॉलिसी बंद करने पर आपका पैसा नहीं डूबेगा।
इससे पहले अगर कोई पॉलिसी होल्डर अपनी पॉलिसी 1 साल में सरेंडर करता था, तो उसे कोई सरेंडर वैल्यू नहीं मिलती थी। सरेंडर वैल्यू पाने के लिए कम से कम 2 साल तक प्रीमियम जमा करना जरूरी होता था।
क्या होती है सरेंडर वैल्यू?
पॉलिसी बंद करने या सरेंडर करने पर जो राशि आपको बीमा कंपनी देती है, उसे सरेंडर वैल्यू कहा जाता है। मान लीजिए आपकी किसी पॉलिसी की मैच्योरिटी 10 साल है, लेकिन आप उस पॉलिसी को 10 साल के पहले ही सरेंडर कर देते हैं, तो जो रकम आपको मिलती है उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं, यह रकम मैच्योरिटी पर मिलने वाली फुल सम-एश्योर्ड (प्रीमियम+इंटरेस्ट+बोनस) से कम होती है।
क्या है नया नियम?
IRDAI ने 12 जून 2024 को लाइफ इंश्योरेंस बिजनेस के लिए सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा है –
- स्पेशल सरेंडर वैल्यू कम से कम मौजूदा प्रीमियम वैल्यू के बराबर होनी चाहिए।
- पॉलिसी की सभी कैटेगरी को कवर करती हुई जमा की गई राशि
- पेड-अप फ्यूचर बेनिफिट्स जैसे इनकम बेनिफिट्स
अब कितनी मिलेगी सरेंडर वैल्यू?
मान लीजिए कि कोई पॉलिसी होल्डर ₹5 लाख की बीमा राशि वाली 10 साल की पॉलिसी के लिए सालाना ₹50,000 का प्रीमियम देता है। अब चार साल बाद वह पॉलिसी बंद करना चाहता है। इस दौरान उसने टोटल ₹2 लाख का प्रीमियम चुकाया है और ₹40,000 का बोनस जमा कर लिया है।
SEBI रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर अभिषेक कुमार के मुताबिक, ‘पहले के नियमों के अनुसार, अगर पॉलिसी चौथे और सातवें साल के बीच सरेंडर की जाती है, तो टोटल प्रीमियम का 50% अमाउंट ही मिलता है। इस हिसाब से पॉलिसी होल्डर को टोटल ₹2 लाख प्रीमियम और ₹40,000 बोनस का 50% यानी ₹1.2 लाख मिलेगा। लेकिन, IRDAI के नए मास्टर सर्कुलर के मुताबिक आपको ₹1.55 लाख मिलेंगे।