विशाल झा /गाज़ियाबाद : भगवान शनि को काफी प्रभावशाली माना जाता है. कहा जाता है कि शनि देव ही लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और इसलिए ही उन्हें न्याय अधिकारी भी कहते है. मान्यता यह है कि शनि देव को शनिवार के दिन तेल चढ़ाने से शनि का प्रकोप काफी कम हो जाता है. और उनकी कृपा बरसती है.
यहां शनिदेव प्रकोप नहीं
शनिदेव के क्रोध के बारे में कई हिंदू ग्रंथो में जिक्र किया गया है. शनिदेव के भक्ति उनकी टेढ़ी दृष्टि से डरते हैं और यही कामना करते है कि शनि देव उनके जीवन में सकारात्मकता लेकर आए. लेकिन गाजियाबाद के विवेकानंद नगर स्थित श्री सूर्यपुत्र शनिदेव मंदिर जिले के बाकी शनि मंदिरों से थोड़ा अलग है. क्योंकि यहां पर शनि देव का प्रकोप या फिर उनसे डर कर भक्त पूजा नहीं करते, बल्कि देव को अपने परिवार का सदस्य मानकर उनके पास आते हैं.
जी, हाँ इस मंदिर में शनि देव का प्यार उनके भक्तों के प्रति देखने को मिलता है. दरअसल वर्ष 1988 में यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा ही इस मंदिर को स्थापित किया गया था. सभी की भगवान शनिदेव में काफी अटूट आस्था थी. इसके बाद से ही यहां पर धीरे-धीरे भक्तों का तांता लगने लगा. आज आलम ये है की, यहां पर शनिवार के दिन भक्तों की कतार एक -दो किलोमीटर तक भी पहुंच जाती है.
यहां पर दिल्ली -एनसीआर के भक्तों की रहती है भीड़
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष मुकेश कंसल ने बताया की इस मंदिर में शनिवार के दिन दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम से भी लोग आते हैं. सिर्फ एक बार शनिदेव को यहां पर तेल चढ़ाने और आरती करने से ही भक्तों को काफी लाभ मिलता है और वो भी फिर शनि देव के परिवार का हिस्सा बन जाते हैं.
शनिदेव से विशेष लगाव
श्रद्धालु गजेंद्र बताते है की वो यहां पर वर्षों से पूजा करने के लिए आ रहे है और उन्हें शनिदेव से विशेष लगाव हो गया है. यहां पर हर हफ्ते भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है और शनिवार शाम महा आरती के बाद भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया जाता है.
मंदिर का लोकेशन
अगर आप शनि मंदिर के दर्शन करने के लिए आना चाहते है तो गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे से यहां तक रिक्शा या टेंपो के जरिए पहुंच सकते है. मंदिर में दर्शन का समय सुबह 8:00 से रात 9:30 तक है.
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FIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 09:55 IST
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