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नई दिल्ली9 मिनट पहले
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IIFL फाइनेंस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO मोनू रात्रा
एनालिस्टों को लगता है कि गोल्ड लोन पर रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के बाद, IIFL फाइनेंस को आने वाले समय में अन्य बिजनेस वर्टिकल्स पर अपना फोकस करना होगा। रिजर्व बैंक ने 4 मार्च को IIFL फाइनेंस को गोल्ड लोन की बिक्री बंद करने का आदेश दिया था। RBI को IIFL के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कई तरह की अनियमितताएं मिली थी।
हालांकि, वित्त वर्ष 2023-2024 यानी, FY24 के लिए मार्च तिमाही (Q4) परिणामों की घोषणा करते हुए, फाउंडर निर्मल जैन ने कहा था, स्पेशल ऑडिट पूरा हो चुका है, और अब हम RBI के रिव्यू का इंतजार कर रहे हैं। सोने के अलावा, कंपनी के पास होमलोन, माइक्रोफाइनेंस, डिजिटल लोन, प्रॉपर्टी पर लोन, और कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट लोन है…
पोर्टफोलियो में होम लोन का हिस्सा 33%
- कंपनी के पोर्टफोलियो में होम लोन का हिस्सा 33% और गोल्ड लोन का हिस्सा 30% है।
- माइक्रोफाइनेंस का 17%, प्रॉपर्टी पर लोन की हिस्सेदारी 11% और डिजिटल लोन 5% है।
इस साल अब तक 19.38% गिरा IIFL फाइनेंस का शेयर
आज IIFL फाइनेंस का शेयर 0.29% की तेजी के साथ 472 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहा है। पिछले 6 महीने में स्टॉक ने 18.03% का निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं इस साल अब तक IIFL फाइनेंस के शेयर में 19.44% की गिरावट देखने को मिली है।
दैनिक भास्कर ने IIFL के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो पर रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के बीच IIFL होम फाइनेंस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CEO मोनू रात्रा से कंपनी के होम लोन पोर्टफोलियो पर विस्तार से बात की। पढ़िए उनका पूरा इंटरव्यू…
1. IIFL होम फाइनेंस का रीसेंट फाइनेंशियल परफॉर्मेंस कैसा रहा?
हमारा अफोर्डेबल हाउसिंग का बिजनेस है। अभी तक हमारा लगभग 35 हजार करोड़ का AUM है और हम 390 शहरों में बिजनेस करते हैं। मोनू रात्रा ने कहा कि लोन में हाउसिंग फाइनेंस का एक बड़ा हिस्सा है। इसमें से 90% लोग पहली बार घर लेने वाले होते हैं। अफोर्डेबल हाउसिंग में हमारी कंपनी सबसे बड़ी मानी जाती है जिसमें हमारा होम लोन का एवरेज टिकट साइज ₹15.28 लाख है।
95% बिजनेस हमारे एम्प्लॉइज ही जनरेट करते हैं, जिसके कारण थर्ड पार्टी पर ज्यादा निर्भरता नहीं है। पिछले साल से हमारे AUM में 25% की ग्रोथ हुई है और लगभग 30% ग्रोथ प्रॉफिट आफ्टर टैक्स में हुई है। अफोर्डेबल के साथ-साथ हम काफी प्रॉफिटेबल भी हैं।
2. कंपनी रिस्क कैसे मैनेज करती है और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी कैसे इंश्योर करती है?
हम दूसरी कंपनियों से काफी अलग तरीके से काम करते हैं और हमारी प्रोसेस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कस्टमर के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। इस बिजनेस में तीन तरीके का रिस्क होता है-
- आइडेंटिटी रिस्क: चूंकि, हमारी प्रोसेस पेपरलेस है, हमारे यहां लोन के लिए पेपर में कोई फाइल नहीं बनती। सबकुछ डिजिटल रहता है तो सरकार की काफी API अवेलेबल रहती है, जिसके जरिए कस्टमर के बारे में नाम, शक्ल और एड्रेस सहित कई अन्य चीजें जान सकते हैं। इसके जरिए हम आइडेंटिटी रिस्क को मैनेज करते हैं।
- इनकम रिस्क: यह डिपेंड करता है कि कस्टमर सैलरीड है या सेल्फ एंप्लॉयड है। इसके बेसेस पर हम अलग-अलग प्रोसेस के जरिए कस्टमर्स की इनकम वैरिफाई करते हैं।
- प्रॉपर्टी रिस्क: प्रॉपर्टी में लीगल और टेक्निकल रिस्क देखना पड़ता है। इसके लिए हमारे पास 60 के आस-पास इनहाउस इंजीनियर्स हैं और प्रॉपर्टी चेक करने के लिए 40 लोगों की टीम है। ये टीम जब प्रॉपर्टी चेक कर लेती है तभी हम पेमेंट करते हैं।
3. IIFL होम फाइनेंस भारत की अन्य होम फाइनेंस कंपनियों से कैसे अलग है?
आज की डेट में हम सबसे बड़ी अफोर्डेबल हाउसिंग कंपनी हैं। मैं अफोर्डेबल उसको मानता हूं जिसका कम से कम 65%-70% का होमलोन पोर्टफोलियो हो और एवरेज टिकट साइज 20 लाख से नीचे हो। हमसे जो बड़ी कंपनी होगी वह 19 हजार करोड़ के AUM पर है। हम 35 हजार करोड़ पर हैं, तो पहला फर्क तो यही हो गया कि हम दूसरी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से काफी बड़े हैं।
जैसा कि हमने पहले बताया कि हमारी डिजिटल प्रोसेस दूसरों से बहुत ही अलग है, जिससे अफोर्डेबल हाउसिंग में हमारी सबसे कम ऑपरेटिंग कॉस्ट है। हमारे पास बड़ा स्केल है, लोअर ऑपरेटिंग कॉस्ट है और दूसरों के मुकाबले में प्रॉफिटेबिलिटी काफी ठीक-ठाक रहती है। उन्होंने कहा कि आने वाले 3 से 5 सालों में हम लगातार 20% ऊपर AUM की ग्रोथ कर सकते हैं।
4. होम लोन के लिए इंटरेस्ट रेट और रिपेमेंट ऑप्शन क्या है?
इंटरेस्ट रेट कस्टमर की प्रोफाइल, इनकम पर डिपेंड करता है। हमारा इंटरेस्ट रेट 9.25% से शुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि हम 20 साल तक के लिए लोन देते हैं।
5. क्या आप लोन के फोर्स क्लोजर पर चार्ज कोई चार्ज लेते हैं?
अब कोई भी फोर्स क्लोजर पर चार्ज लगा ही नहीं सकता है। RBI ने हिदायत दी है कि आप फोर्स क्लोजर चार्ज ले ही नहीं सकते। इसलिए कोई भी फोर्स क्लोजर चार्ज नहीं लगता है।
6. क्या आप पहली बार घर खरीदने वालों या किसी खास वर्ग के लिए के लिए कोई स्पेशल प्लान या डिस्काउंट प्रोवाइड करते हैं?
जो लोग पहला घर खरीदते हैं उनके लिए सबसे मुश्किल बात यही है कि उनको आसानी से लोन ही नहीं मिल पाता है। किसी भी बैंकों का उनपर ध्यान नहीं जाता है। ज्यादातर बड़े बैंक- SBI, HDFC, ICICI और एक्सिस हैं, वे ज्यादातर बड़े-बड़े लोगों को लोन देते हैं।
अगर हमारा एवरेज टिकट साइज 16 लाख है तो उनका एवरेज टिकट साइज 35-40 लाख का है। पहला और छोटा घर खरीदने वालों पर बहुत कम बैंकों का ध्यान है। हम उनको फाइनेंस कर रहे हैं वही खास बात है। सरकार की ओर से होम लोन में जो सब्सिडी की स्कीम तो हम लोगों ने उनके साथ मिलकर काफी अच्छा काम किया था। 73 हजार लोगों को ₹1750 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी दिलाई।
7. जिस तरह से मार्केट डायनेमिक्स और कस्टमर एक्सपेक्टेशन बदल रहे हैं उसे आप कैसे एडाप्ट करने का प्लान कर रहे हैं?
हमें लगता है कि इतने सारे बैंक हैं। इतने सारे लोगों को कोई भी लोन दे सकता है, लेकिन जब आप लोन लेने जाते हैं तो आसानी से नहीं मिलता है। अभी भी देश में एक आम आदमी को लोन लेने के लिए बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
कस्टमर की एक्सपेक्टेशन यह है कि मुझे लोन मिलेगा भी या नहीं मिलेगा, उसको हम पूरी तरह से सेटिस्फाई करते हैं। उसकी एक्सपेक्टेशन यह है कि मुझे लोन की प्रोसेस के लिए ज्यादा भाग-दौड़ तो नहीं करनी पड़ेगी? मुझे आसानी से लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा? इसको हम पूरा करते हैं।
8. IIFL होम फाइनेंस से हाउसिंग लोन लेने की प्रोसेस क्या है?
हमारी कंपनी के सेल्स के लोगों के पास एक ऐप होता है। उस ऐप के जरिए वह लोन का प्रोसेस करते हैं। सेल्स टीम के पास लोन की कोई लीड होती है तो वह वहां पहुंच जाते हैं। वहीं, हमारी वेबसाइट पर कोई अपनी डीटेल डालता है तो हम वहां पहुंच जाते हैं।
इसके बाद ऐप में कस्टमर की सारी डिटेल डाली जाती है और 30 मिनट के अंदर बता दिया जाता है कि उन्हें लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा और अगर मिलेगा तो लगभग कितना मिलेगा। अगले 24-48 घंटे में लोन लेने वाले कस्टमर के पास फाइनल सैंक्शन लेटर ईमेल के माध्यम से पहुंच जाता है। इसके बाद सेल्स पर्सन कस्टमर की प्रॉपर्टी की डिटेल लेकर पूरी प्रोसेस करवाता है।