राम रहीम।
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गुरमीत सिंह राम रहीम को लगातार पैरोल मिलने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद हलफनामा दाखिल करते हुए सरकार ने कहा कि राम रहीम को स्पेशल ट्रीटमेंट देकर मेहरबानी नहीं की जा रही है। राम रहीम की तरह तीन या तीन से अधिक मामलों में सजा काट रहे 89 कैदियों को सरकार की ओर से पैरोल दी गई है। साथ ही यह भी बताया कि रोहतक सुनारिया जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि बिना हाईकोर्ट की अनुमति राम रहीम को पैरोल न दी जाए।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने याचिका दाखिल करते हुए राम रहीम को बार-बार हरियाणा सरकार की ओर से दी जा रही पैरोल के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की थी। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को बार-बार पैरोल/फरलो देने पर सवाल खड़े किए।
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार डेरा प्रमुख को बार-बार पैरोल देना विशेष सुविधा तो नहीं है, काफी संख्या में लोग जेलों में है, जो पैरोल/फरलो का इंतजार कर रहे है और उन्हें यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने कहा कि नियमों के तहत ही राम रहीम को पैरोल दी जा रही है और जहां तक बाकी कैदियों का मामला है तो हर केस पर विचार करने के बाद पैरोल का निर्णय लिया जाता है। कोर्ट के कुछ फैसलों को हवाला देकर कहा गया कि राम रहीम हार्ड कोर अपराधी नहीं है और ऐसे में उसे पैरोल दी जा सकती है।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि अगली सुनवाई पर बताया जाए कि सरकार के पास कितने कैदियों को पैरोल और फरलो देने की अर्जियां आई हैं और उनमें से कितनों को दी गई है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जिस केस में डेरा मुखी को सजा सुनाई गई है। उसी अपराध के अन्य कितने दोषियों को आज तक कितनी बार पैरोल और फरलो दी गई है और कितनी अर्जियां अब तक पेंडिंग हैं।