Search
Close this search box.

Ground Report: कैंचीधाम में मेले में उमड़ा जनसैलाब, 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, विदेशों से भी आते हैं भक्त

नैनीताल. पिछले कुछ सालों में कैंचीधाम ने ख्याती प्राप्त की है. बाबा के चमत्कार ही कुछ ऐसे हैं की देश और दुनिया के लोग इस धाम में आकर मत्था टेकने जरूर आ रहे हैं. रोजाना की भीड़ से जहां एक ओर प्रशासन के माथे पर चिंता में नजर आ रहा है तो वहीं सरकार भी कैंचीधाम को लेकर बड़ा प्लान तैयार किया है. विश्व प्रसिद्ध कैंचीधाम में उत्सव मनाया जा रहा है. मौका है कैंचीधाम के स्थापना दिवस का. हर साल 15 जून को धूमधाम से ये मेला आयोजित किया जाता है.

स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. इस बार 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिये यहां पहुंच सकते हैं. कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ न जाए इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां पूरी की हैं. वहीं 3 लाख से ज्यादा मालपुए प्रसाद के तौर पर वितरित किए जाएंगे. कैंचीधाम स्थापना दिवस के दिन कोई परेशानी लोगों को न हो इसके लिये जिला प्रशासन और पुलिस बल ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बार पहला मौका है कि कैंचीधाम स्थापना दिवस के दौरान हैलिकॉप्टर की मांग सरकार से की गई है. कमिश्नर कुमाऊं ने सभी अधिकारियों को कहा है कि दवा से लेकर साफ सफाई और पानी के इंतजाम पूरे करें और रास्तों में हर 100 मीटर पर पालिका और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए.

हर दिन 35 हजार से ज्यादा पहुंचते हैं श्रद्धालु
आम दिनों भी 30 से 35 हजार श्रद्धालु कैंचीधाम पहुंच रहे हैं. स्थापना दिवस के मौके पर लोगों ने यहां पहुंचना शुरू कर दिया है. पिछले कुछ सालों में यहां आ रही भीड़ के बाद कैंचीधाम विश्व मानचित्र पर तेजी से उभरा है. 12 जून से ही कैंचीधाम में अखंड़ पाठ का आयोजन चल रहा है. वहीं भट्टी पूजन के बाद देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद तैयार किया जा रहा है.

हर साल से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद
कैंचीधाम के समाजसेवी भुवन तिवाड़ी ने कहा कि मेले में हर साल भीड़ पहुंच रही है. इस बार ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है. तिवाड़ी कहते हैं कि बाबा ही सब कुछ करने वाले हैं. उनके आर्शिवाद से ही स्थापना दिवस कार्यक्रम भी शांति पूर्ण तरिके से खत्म होगा. वहीं मंदिर प्रबंधन के सदस्य प्रदीप साह ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भक्तों को सुविधाओं के साथ आसानी से दर्शन हों इसके लिये व्यवस्थाएं बनाई गई हैं. मंदिर परिसर में फोटो मोबाइल रील पर प्रतिबंद रहेगा. सभी भक्तों को आसानी से दर्शन होंगे.

पुलिस का रूट प्लान..
कैंचीधाम स्थापना दिवस की भीड़ को लेकर नैनीताल पुलिस ने अपना रुट प्लान भी तैयार किया है. नैनीताल पुलिस ने भवाली भीमताल और कैंचीधाम के आस पास 11 पार्किंग से शटल चलाने का निर्णय लिया है. कैंचीधाम स्थापना दिवस के लिए सड़क को जीरो जोन बनाया है. हल्द्वानी से आने वाले सभी वाहनों को बाया रामगढ होते हुए क्वारब पुल से अल्मोड़ा जाना होगा तो वहीं अल्मोड़ा से हल्द्वानी आने जाने वाले श्रद्धालुओं को इसी रूट पर वापस लौटना होगा.

वहीं रानीखेत बेतालघाट से आने वाले लोगों को भी इसी रूट पर हल्द्वानी का सफर करना हो. नैनीताल में जाम न लगे इसके लिए भी पुलिस ने रूसी बाईपास को एक्टिव किया है. रामनगर से कैंचीधाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी रुसी बाईपास होते हुए भवाली जाना होगा. जिसके बाद शटल सेवा से ही कैंचीधाम आना जाना करेंगे. एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद मीणा ने बताया कि भवाली भीमताल से शटल सेवा से ही श्रद्धालुओं को कैंचीधाम भेजा जायेगा. एसएसपी ने कहा कि 500 पुलिस कर्मियों को कैंचीधाम स्थापना दिवस के लिये लगाया गया है.

सरकार ने भी कैंचीधाम के नाम पर बना दी तहसील..
मुख्यमंत्री धामी की घोषणा को भी इस बार धरातल पर उतारा गया है. पिछले साल कैंचीधाम स्थापना दिवस के मौके पर सीएम धामी ने कोश्यांकुटोली तहसील का नाम बदलकर कैंचीधाम तहसील रखा था. लेकिन इस बार मेले से पहले ही तहसील को कैंचीधाम नाम भी मिल गया है. तहसील का नाम कैंचीधाम होने के बाद स्थानीय लोगों में भी खासा उत्साह है. भवाली पालिका अध्यक्ष संजय वर्मा कहते हैं कि कैंचीधाम तहसील मिलने के बाद कैंचीधाम में मास्टर प्लान के कामों में तेजी आएगी तो वहीं क्षेत्र का विकास भी होगा. कैंचीधाम के प्रधान पंकज कहते हैं कि सरकार के इस कदम के बाद पूरी तहसील में विकास के कार्यों को गति मिलेगी. दिलीप बोहरा कहते हैं कि तहसील को कैंचीधाम नाम मिलना क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है और सरकार का बड़ा कदम है. कैंचीधाम तहसील मिलने के बाद आपदा जैसे कामों में तेजी आएगी तो सड़क पानी की समस्याओं का हल होगा. वहीं जनता को भी इसका लाभ मिलेगा. बोहरा कहते हैं कि सिर्फ नाम तक सीमित न होकर यहां विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया जाना चाहिए.

विदेशों से भी आते हैं यहां लोग
पिछले कुछ सालों में यहां आस्था का बड़ा रैला उमड़ रहा है. रोजाना भीड़ बढ़ रही है तो अपने जीवन में बेहतरी की कामना लेकर श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचकर मन्नत मांग रहे हैं. कहा जाता है कि इसी मंदिर से एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब को प्रेरणा मिली और अपना नाम विश्व में कमाया. वहीं फेसबुक के मालिक मार्क जुर्करवर्ग को भी इसी मंदिर से कामयाबी का रास्ता मिला. अमेरिका के आधात्मगुरु रामदास भी बाबा के बड़े भक्तों में माना जाते हैं.

बाबा के चमत्कारों की कहानी कुछ ऐसी है कि पिछले 3 सालों में भारत की कई बड़ी हंस्तियां भी यहां पहुंची हैं. जिसमें क्रिकेटर विराट कोहली बैटमिंटन खिलाड़ी साईना नेहवाल हों चाहे टीवी कलाकार चंकी पाण्डे भारती या राहुल देव समेत कई नेता अभिनेता बाबा के दरबार में पहुंचे हैं. हाल में ही भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ यहां पहुंचे और बाबा के चरणों में मत्था टेका.

बाबा के चमत्कारों की कहानियां यहां के लोग आज भी बड़े चाव से सुनाते हैं. कई स्थानीय लोग बताते हैं कि एक बार भंडारे में तेल की कमी हो गई और बाबा ने नदी से पानी लाकर कड़ाई में ड़ालने को कहा जिसके बाद पानी में पुरी बननी शुरू हो गई है. लेकिन जब बाजार से तेल लाया गया तो उस तेल को गंगा जी को भेंट स्वरुप वापस कर दिया गया. कैंचीधाम के ही भुवन तिवाड़ी बताते हैं कि बाबा उन के घर सबसे पहले आए और रुके और उन्होंने कहा कि मेरी फोटो को खाली मत समझना मैं जाने के बाद भी यहां मौजूद रहूंगा और वो सच हो रहा है.

ऐसे पहुंचे थे बाबा कैंचीधाम
इस मंन्दिर की स्थापना के बारे में कहा जाता है कि कैंची के धर्मानन्द तिवाडी नैनीताल से घर लौट रहे थे. रास्ते में उनको काफी देर होने से भूत का डर सताने लगा. रास्ते में बाबा कम्बल ओढ़े मिले और कहा कहां जाना है? आपको अभी गाड़ी मिल जाएगी. डरते हुए जब धर्मानन्द ने ये पूछा कि बाबा अब कब दर्शन होगें तो बाबा 20 साल बाद कहकर ओझल हो गए. जब बाबा 20 साल बाद रानीखेत से लौट रहे थे तो तिवाडी परिवार ने बाबा नीम करौली को नहीं पहचाना.

जिसके बाद बाबा ने 20 साल पुरानी कहानी सुनाई और इस स्थान पर मंन्दिर निर्माण करने की बात कही. तब से हर साल यहां 15 जून को बाबा नीब करौली की स्थापना दिवस भी मनाया जाता है, तो साल भर यहां देश भर से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. इसके साथ ही बाबा के चमत्कारों की कई कहानियां है. प्रदीप साह कहते हैं कि गुरु महाराज की वजह से भी भीड़ है और उन्होंने श्रीमां को कहा था कि 50 साल बाद कैंची बदल जाएगा और चींटियों की तहत लोग यहां आयेंगे और हनुमान सबकी मनोकामना पूरी करेंगे. आज 50 साल महाराज को शरीर छोड़ हो गए हैं और आज ये दिख भी रहा है लोग अपनी कहानियां यहां आकर कह रहे हैं और उनके जीवन में खुशहाली लौटी है उनके अनुभव रोज सामने आ रहे हैं.

Tags: UK News, Uttarakhand news

]

Source link

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool