फतेहगढ़ साहिब से जीते अमर सिंह
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लोकसभा हलका फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. अमर सिंह दूसरी बार सांसद बने हैं। उन्हें कुल 332591 वोट मिले हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह जीपी को मात दी। जीपी को 298389 वोट मिले। डॉ अमर सिंह को 34202 वोटों की बढ़त मिली। जिला चुनाव अधिकारी कम डिप्टी कमिश्नर परनीत शेरगिल ने डॉ. अमर सिंह को जीत का सर्टिफिकेट दिया।
गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में फतेहगढ़ साहिब में 1502861 वोटर थे जिसमें 9 क्षेत्रों में 985948 वोट पोल हुए थे और वोट फीसद 65.68 रहा था। डॉ. अमर सिंह का मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार दरबारा सिंह गुरु के साथ था। डॉ. अमर सिंह ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह 93898 अधिक वोट लेकर जीत दर्ज की थी।
इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गेजा राम वाल्मीकि चुनाव मैदान में थे जिन्हें 127521 वोट मिले। राम मंदिर फैक्टर ने कांग्रेस की लीड को इस बार कम कर दिया। वहीं शिरोमणि अकाली दल पिछले 15 वर्षों से फतेहगढ़ साहिब में अपना खाता तक नहीं खोल सका।
2009 में फतेहगढ़ साहिब पहली बार लोकसभा हलका बना था तो सुखदेव सिंह लिबड़ा सांसद बने थे। इसके बाद 2014 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरिंदर सिंह खालसा सांसद बने। उसके बाद 2019 में कांग्रेस के डॉ. अमर सिंह सांसद बने जिनका मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार दरबारा सिंह गुरु के साथ था। अब 2024 में फिर डॉ. अमर सिंह 34202 अधिक वोट लेकर सांसद बने। 2019 के मुकाबले इस बार वोट फीसद 62.53 फीसदी रहा जबकि 2019 में यह 65.68 फीसदी था। पूरे लोकसभा हलके में कुल 15 लाख 52 हजार 567 मतदाता थे और 1820 मतदान केंद्र बनाए गए थे। जिनमें 08 लाख 23 हजार 339 पुरुष मतदाता, 07 लाख 29 हजार 196 महिला मतदाता एवं 32 थर्ड जेंडर के वोटर शामिल थे।
पांच साल बाद फतेहगढ़ साहिब में नोटा की दर कम हुई
फतेहगढ़ साहिब लोकसभा चुनावों में इस बार 9188 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया। 2019 के चुनावों में 13045 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।
श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का किया पालन
फतेहगढ़ साहिब में अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए डॉ. अमर सिंह का काफिला भारी गाड़ियों समेत रवाना हुआ तो किसी भी वर्कर ने हल्ला नहीं किया। डॉ. सिंह ने भी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञान रघुवीर सिंह जी के आदेश का पालन किया और छह जून 1984 घुल्लूघारा दिवस के शोक में जीत की खुशी न मनाने की अपील पर भी अमल किया।