फतेहाबाद (हरियाणा). सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर किसान अब पंरपरागत खेती छोड़ते हुए वैकल्पिक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. हरियाणा के फतेहाबाद के किसान ने झोपड़ी से मशरूम की खेती शुरू की थी. लेकिन अब हर साल लाखों रुपये कमा रहा है. साथ ही दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रोजेक्ट के जरिये 32 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. गांव फतेहाबाद के गांव आकांवाली के किसान अवतार सिंह ने 7 वर्ष पूर्व छोटे सी झोपड़ी से शुरू की. अब उनका मशरूम फार्मिंग अब 2 एकड़ के वातानुकूलित फार्म में तबदील हो चुकी है.
अवतार सिंह ने बताया कि एक दोस्त की मदद से उसने यह शौकिया शुरु किया था, मगर इसमें मुनाफे को देखते हुए उसने धान, गेहूं जैसी परंपरागत खेती को अलविदा कर दिया. सरकार और विभाग की मदद से काम को बढ़ाया.
किसान ने बताया कि उसकी यह जर्नी यहीं नहीं रुकने वाली नहीं हैं. अवतार सिंह ने बताया कि दो एकड़ खेत में उन्होंने 3 एसी यूनिट लगाई हैं और इसमें मशरूम फार्मिंग कर रहे हैं. अवतार बताते हैं कि सरकार की ओर से उन्हें करीब 32 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिली थी. साथ ही विशेषज्ञों से भी समय-समय पर सलाह लेते रहते हैं. वह कहते हैं कि परपंरागत खेती जोखिम भरी हो चली थी. कभी मौसम की मार तो कभी फसलों में बीमारी के कारण पैदावार कम होती थी. सारी मेहनत फिजूल चली जाती थी. मगर मशरूम की खेती ने न केवल जोखिम कम किया है, बल्कि मुनाफा कई गुना बढ़ गया है. वह अपने फार्म में 35 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
पूरा परिवार फार्मिंग में लगा हुआ है-अवतार
अवतार सिंह ने बताया कि फार्म में भाई, चाचा और उनका पूरा परिवार शामिल हैं. फार्म को देखने के लिए हर रोज किसान विजिट करते हैं और तकनीकी ज्ञान हासिल करते हैं. अवतार सिंह ने सरकार से मांग की है कि मशरूम जैसी वैकल्पिक फसल को भावातंर भरपाई योजना में लाया जाए और इसे सरकार की फसली बीमा योजना में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित भाव मिल सके.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 15:44 IST