Farmer Protest
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दातासिंह वाला बॉर्डर पर 13 फरवरी से बैठे किसानों का मूड पीछे हटने का नहीं लग रहा है। एक-दो दिन में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है। इसके बाद केंद्र में नई सरकार बनेगी। इस प्रक्रिया में कम से कम डेढ़ महीने का समय लगेगा। किसानों की मंशा केंद्र में नई सरकार बनने तक बॉर्डर पर डटे रहने की है। किसान अब यहां पक्के टेंट लगाकर धरना जारी रखेंगे।
जिस प्रकार पहले किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर सभी जिलों की तरफ से अपने-अपने टेंट लगाए गए थे, उसी प्रकार का दृश्य अब दातासिंह वाला बॉर्डर पर देखने के लिए मिल रहा है। यहां पर हिसार, जींद के टेंट लग चुके हैं। इसके अलावा पंजाब के भी हर जिले से टेंट लगाए जा रहे हैं। इससे साफ है कि किसानों का यह आंदोलन काफी लंबा चल सकता है।
नवंबर 2020 में भी किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच किया था। सरकार ने जब मांग नहीं मानी तो उन्होंने दिल्ली में बॉर्डर पर डेरा डाल दिया था। यह आंदोलन डेढ़ साल तक चला। इसमें हरियाणा के हर जिले के अपने-अपने टेंट लगाए गए थे। इसके बाद यहां पर खापों की तरफ से भी टेंट लगाए गए। बाकायदा खाप अपने-अपने गांवों से लोगों को यहां रहने के लिए 15-15 दिन की ड्यूटी लगा रही थी।
15 दिन बाद इस टेंटों में दूसरे लोगों को भेज दिया जाता था। इसी प्रकार का नजारा अब यहां दातासिंह वाला बॉर्डर पर देखने के लिए मिलेगा। यहां पर फिलहाल हिसार की तरफ से टेंट लग चुका है। जींद की तरफ से भी टेंट लगाया गया है। आसपास के गांवों के लोग यहां पर प्रतिदिन चाय का बंदोबस्त कर रहे हैं। इसके अलावा यहां अब दूसरे जिलों से भी लोग आने लगे हैं ।