नई दिल्ली11 मिनट पहले
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सिंगापुर के अधिकारियों ने एवरेस्ट के फिश करी मसाला को बाजार से वापस मंगाने का आदेश जारी किया है। लिमिट से ज्यादा एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा के कारण ऐसा किया गया है। एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है।
सिंगापुर इस मसाले को भारत से इंपोर्ट करता है। सिंगापुर फूड एजेंसी (SFA) ने इंपोर्टर SP मुथैया एंड संस को रिकॉल प्रोसेस शुरू करने का निर्देश दिया। भारत की कंपनी एवरेस्ट के प्रोडक्ट 80 से ज्यादा देशों में सप्लाई किए जाते हैं।
मसालों के स्टरलाइजेशन में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल की अनुमति नहीं
एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमालएग्रीकल्चरल प्रोडक्ट में माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को रोकने के लिए किया जाता है। सिंगापुर के फूड रेगुलेशन्स के तहत, मसालों के स्टरलाइजेशन में एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग करने की अनुमति है।
SFA ने दी कंज्यूमर्स को इन मसालों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह
सिंगापुर फूड एजेंसी (SFA) ने एडवाइजरी में कहा- जिन उपभोक्ताओं ने प्रभावित उत्पादों को खरीदा है, उन्हें इनका इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, जिन लोगों ने प्रभावित उत्पादों का सेवन किया है उन्हें मेडिकल गाइडेंस लेने की सलाह दी गई है।
मिर्च, धनिया, इमली जैसी चीजों से बनता है एवरेस्ट का फिश करी मसाला
कंपनी के अनुसार फिश करी मसाले में मिर्च, धनिया, इमली, जीरा और लहसुन जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। एवरेस्ट फिश करी मसाला का उपयोग विभिन्न प्रकार की फ्रेश वॉटर और सी वॉटर फिश की रेसिपी बनाने के लिए किया जा सकता है।
200 वर्ग फुट में शुरू हुआ था बिजनेस, अब मसालों का बड़ा मैन्युफैक्चरर
वाडीलाल भाई ने 1967 में एवरेस्ट ब्रांड रजिस्टर किया और 200 वर्ग फुट से अपना मसाला व्यवसाय शुरू किया था। आज, एवरेस्ट भारत में मसालों का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर है। एवरेस्ट अपने ब्रांड के तहत गरम मसाला, छोले मसाला, फिश करी जैसे मसाले बेचता है।