शशिकांत ओझा.सावन का महीना नजदीक आने को है. सावन के पावन महीना भगवान शंकर के गुणगान का महीना होता है. इस दौरान शिवालयों के साथ सभी मंदिरों में शिव भक्त पहुंचते है. भगवान शिव की आराधना करते है. झारखंड में एक ऐसा मंदिर है. यहां श्रद्धालुओं को एक हीं स्थान पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो जाते है. लोगों की मान्यता है कि यहां चढ़ाया हुआ एक लोटा जल सभी समस्याओं का है हल.
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के रेड़मा चौक समी काली माता मंदिर स्थित है. जो भगवती भवन के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर में 1960 से द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजमान है.मंदिर के पुजारी श्याम बाबा ने बताया कि मंदिर समिति का मानना था. सबों के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए सभी तीर्थ स्थलों पर जाना संभव नहीं है. इसलिए क्यों न मंदिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग को प्रतिमूर्ति के रूप में स्थापना करा दिया जाए. जिसके बाद अभी ज्योतिर्लिंग से जल और मिट्टी लाकर द्वादश ज्योर्तिलिंग की प्रतिमूर्ति का स्थापना कराया गया.
जल चढ़ाने से मुराद होती है पूरी
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ उनपर एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से सभी समस्याओं का हल हो जाता है. यहां सावन के मौके पर रोजाना 2000 लोगों की भीड़ उमड़ती है. सावन के एकम से लेकर पूर्णिमा तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
दक्षिणेवार काली मां भी है विराजमान
इस मंदिर परिसर में मुख्य दरबार दक्षिणेश्वर मां काली का है. इसके साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग, गणेश जी, हनुमान जी, राधा कृष्ण दरबार, ब्रह्म स्थान, शीतला माता, स्वामी विवेकानंद जी, मां शारदा का दरबार है. यह मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 17:04 IST