कपिल/ शिमला: शिमला के रिज पर हर कोई घुड़सवारी का आनंद लेना चाहता है. ख़ासकर जब आप पर्यटक के रूप में शिमला घूमने आये हो देश विदेश से लाखों की संख्या में टूरिस्ट शिमला पहुंचते हैं, और शिमला के रिज मैदान की खूबसूरती के बीच फोटो और घुड़स्वारी के बिना वापस नहीं लौटते हैं. स्थानीय लोग भी काफी संख्या में यहां पर घुड़स्वारी करते हैं. ज्यादातर बच्चे घुड़सवारी का आनंद लेते हैं, जिससे रिज मैदान की रौनक बढ़ जाती है.
शिमला के रिज मैदान पर कुल 15 घोड़ा चालक हैं, जो अपनी आजीविका दिन भर लोगों से कमाये गये पैसों से करते हैं. रिज मैदान के साथ ही लक्कड बाजार को जाते हुए रास्ते में ही नगर निगम ने इन्हे घोड़े खड़े करने के लिए जगह दी गयी है. और सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ये लोग कड़ी मेहनत करके अपना गुजर बसर करते हैं. यहां प्रति घुड़सवारी 100 रूपये में ये रिज मैदान की और लककड़ बाजार की सैर करवाते है. जिसका लोग भरपूर आनंद लेते है और सेल्फियां भी खिंचवाते हैं.
45 साल से रिज मैदान पर घुड़स्वारी से अपनी आजीविका चलाने वाले शेर सिंह का कहना है कि जैसा काम पहले होता था अब वो बात नहीं रही है. कोरोना काल के बाद से ही उनका काम चौपट हो गया था. लेकिन उसके बाद भी वैसा काम नहीं मिला जैसा पहले होता था. पर्यटक काफी कम घुड़सवारी करने आते हैं. यहां ज्यादा स्थानीय लोग आते हैं जिनमें अधिकतर स्कूल के बच्चे होते हैं, जो स्कूल जाते समय या आते समय जिद्द करके घुड़सवारी करते हैं. लेकिन उसके बावजूद घर चल रहा है. दिन भर कमाकर घर का खर्च चलाना पड़ता है.
शिमला के रिज मैदान पर खुशी, मस्ती और लोगों की आवाजों के बीच बच्चे घोड़ों पर घुड़सवारी करते नजर आते हैं. तो रौनक लौट आती है लेकिन घोड़ा चालक काफी समय से काम को लेकर चिंतित है, लगातार काम में गिरावट देखने को मिल रही है इतने सालों से वो काम कर रहे हैं. अब कोई और काम भी नहीं कर पा रही है इसका एक कारण ये लोग अब शिमला के माल रोड रिज मैदान का रुख कम कर रहे हैं. ज्यादातर लोग शिमला के कुफ़री, नारकांदा, नालदेहरा, मशोबरा और चायल जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं और कुफ़री में पहले से ही घोड़ा चालक है लोग वहां से घुड़सवारी करके आते हैं जिस वजह से शिमला के घुड़सवारी करने वालों का काम कम होता जा रहा है. रिज मैदान पर सिर्फ स्थानीय लोगो कि संख्या बढ़ रही है पर्यटको कि तेज़ी से घट रही है.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 17:39 IST