केंद्र सरकार अब एक्स सर्विसमैन शब्द को हटाने की तैयारी में है। इस शब्द के स्थान पर एक्स सर्विस पर्सोनल के इस्तेमाल पर विचार चल रहा है। रक्षा मंत्रालय ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित याचिका में यह जानकारी दी। सेवानिवृत्त महिला अधिकारी ने हाईकोर्ट में इस शब्द के इस्तेमाल पर एक जनहित याचिका दाखिल की थी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।
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भारतीय सेना की सेवानिवृत्त महिला अधिकारी की ओर से दायर याचिका पर रक्षा मंत्रालय ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि केंद्र सरकार जल्द ही एक्स सर्विस मैन शब्द को संशोधित कर इसके स्थान पर एक्स सर्विस पर्सोनल का इस्तेमाल करने जा रही है। पटियाला निवासी कैप्टन सुखजीत पाल कौर सानेवाल (सेवानिवृत्त) ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि वह एक महिला है न कि पुरुष, इसलिए उसके जैसी पूर्व महिला अधिकारियों को एक्स सर्विसमैन नहीं कहा जाना चाहिए। याची सेना की शॉर्ट सर्विस कमीशन वाली पहली महिला अधिकारियों में से थीं।
याचिका में कहा गया है महिलाओं के लिए सेना में भूमिकाएं खोलने में काफी प्रगति हुई है लेकिन रक्षा सेवाओं में लैंगिक भाषा का निरंतर उपयोग एक महत्वपूर्ण, फिर भी आसानी से दूर होने वाली बाधा बनी हुई है। तर्क दिया गया कि याची पुरुष नहीं है, बल्कि एक महिला है। इसलिए याचिकाकर्ता या किसी अन्य महिला अधिकारी को एक्स सर्विसमैन कहने का कोई औचित्य नहीं बनता।
पूर्व सैनिकों को योजनाओं का लाभ देने के लिए बनाए गए एक्स सर्विसमैन शब्द जेंडर से प्रभावित है और ऐसे में जो नया शब्द अपनाया जाए, वह जेंडर न्यूट्रल होना चाहिए। याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि अब एक्स सर्विसमैन शब्द को बदल कर एक्स सर्विस पर्सोनल करने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द निर्णय ले लिया जाएगा।