BJP ने पंजाब नगर निगम चुनाव के कार्यक्रम को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा,
पंजाब में नगर निगम और नगर परिषद चुनाव (Nikay Chunav) का कार्यक्रम कभी भी घोषित हो सकता है, और राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि ये चुनाव दिसंबर के अंत तक करवा लिए जाएंगे। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
BJP का कहना है कि 12 दिसंबर से 31 दिसंबर तक शहीदी पखवाड़ा मनाया जाता है और 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व है। इस दौरान लोग बड़े पैमाने पर धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, और चुनाव आयोग को इन पवित्र दिनों का ध्यान रखते हुए नगर निगम चुनाव का कार्यक्रम तय करना चाहिए। पार्टी ने चिंता जताई है कि अगर चुनाव इन दिनों के बीच होते हैं, तो लोगों को असुविधा हो सकती है और धार्मिक अनुष्ठानों की पवित्रता प्रभावित हो सकती है, जिससे मतदान प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।
बीजेपी के संगठन मंत्री श्रीनिवासुलु ने अपने पत्र में दो मुख्य तर्क दिए हैं:
- शहीदी पखवाड़ा का महत्व: उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पंजाब में शहीदी पखवाड़ा मनाया जाता है, जिसमें लोग माता गुजरी जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के बलिदान को याद करते हैं। यह एक धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समय होता है, और इस दौरान स्मारक कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।
- गुरु गोविंद सिंह जी का गुरु पर्व: उन्होंने 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व का हवाला भी दिया, जिसे पूरे पंजाब में बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन लाखों श्रद्धालु आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं और यह दिन किसी भी प्रकार के निजी समारोहों से मुक्त रहता है।
इसलिए बीजेपी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि इस पवित्र अवधि के दौरान स्थानीय निकाय चुनाव न कराए जाएं, ताकि लोगों को धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने में कोई असुविधा न हो और उनकी पवित्रता बनाए रखी जा सके। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल ने भी चुनाव आयोग से यही मांग की थी कि दिसंबर के अंत में चुनाव न कराए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में निकाय चुनाव 10 हफ्ते में कराने का आदेश दिया
पंजाब में लंबे समय से लंबित नगर निगम और नगर परिषद चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि वह दस हफ्ते के भीतर चुनाव कराए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने और अगले आठ हफ्तों में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। यह आदेश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के छह नवंबर के आदेश के बाद आया, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
28 नवंबर को यह मामला फिर से चुनाव आयोग के पास पहुंचा। राज्य सरकार ने चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन आयोग ने चुनाव की तिथि तय नहीं की थी। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जल्द ही इस पर जवाब दाखिल किया जाएगा।
अब पंजाब सरकार और चुनाव आयोग के बीच चुनाव कार्यक्रम को लेकर जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।