पटना. NEET पेपर लीक कांड से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी के अनुसार परीक्षा माफियाओं और साइबर अपराधियों ने साथ मिलकर नीट पेपर लीक कांड को अंजाम दिया था. दरअसल नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस मामले में साइबर क्राइम का एक नया मामला दर्ज किया है. इस केस में झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किए गए राजीव कुमार परमजीत सिंह और पंकु कुमार के अलावा शेखपुरा के रंजन कुमार के खिलाफ इओयू में केस दर्ज किया गया है.
न्यूज18 के पास दर्ज किए गए एफआईआर की कॉपी है जिसमें इस बात का जिक्र है कि नीट पेपर लीक मामले में कैसे यह साइबर गैंग एक्टिव था और नीट पेपर लीक कांड में सहयोग दे रहा था. आर्थिक अपराध इकाई की माने तो यह साइबर गैंग है. नीट पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के शागिर्दों को फर्जी तरीके से मोबाइल और सिम कार्ड उपलब्ध कराया था. इन्हीं के दिये गए मोबाइल और सिम कार्ड पर क्वेश्चन और आंसर शीट आया था. गैंग के सरगना रंजन की गिरफ्तारी के लिए इओयू लगातार एक्शन में है. और शेखपुरा पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है.
बता दें, सीबीआई ने NEET पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है. सोमवार सुबह दिल्ली से पटना आई CBI की टीम सबसे पहले पटना स्थित CBI कार्यालय पहुंची जहां इनकी मुलाकात यहां के IG से हुई. इस मीटिंग के बाद दिल्ली से आये CBI के अधिकारी अपने पटना स्थित CBI के ऑफ़िसर के साथ EOU कार्यालय पहुंचे, जहां इन्होंने EOU के एडीजी नैय्यर हसनैन ख़ान और डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों से पहले अलग-अलग, फिर सभी एक साथ बैठे और इस केस को लेकर विस्तृत संवाद करते हुए पूरी जानकारी ली. इस दौरान इस केस में पहली छापेमारी एवं शुरुआती तफ्तीश करते हुए एफआईआर दर्ज करने वाले शास्त्रीनगर थाना के प्रभारी को भी बुलाया गया.
EOU ने मीटिंग के बाद FIR की कॉपी के साथ अनुसंधान से जुड़े कुल 167 पेज की दस्तावेज की फोटो कॉपी सौंपी है. अब इन्हीं दस्तावेज और अबतक की हुई पटना पुलिस और EOU के अनुसंधान की थ्योरी के आँकलन में बाद CBI अपने स्तर से आगे साक्ष्य का संकलन करेगी और इस केस का अनुसंधान अपने स्तर पर आगे लेकर जाएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी से CBI टीम ने केस में की गई सभी शुरुआती कार्रवाई की जानकारी बारीकी से ली. सीबीआई की टीम ने ईओयू से उन दस्तावेजों और साक्ष्यों को खासतौर देखा एवं जानकारी ली जिसके आधार पर प्रश्न पत्र लीक होने की बात पुख्ता होती है.