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BCAS Flight Delay Guideline: Passengers’ Gate Access & Exit Permission | उड़ान में ज्यादा देरी होने पर पैसेंजर्स बाहर निकल सकेंगे: टाइमिंग का जिक्र गाइडलाइन में नहीं; फैसला एयरलाइंस और एयरपोर्ट सिक्योरिटी पर छोड़ा

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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नया नियम आने के बाद अब पैसेंजर्स की परेशानी कम होगी। उन्हें फ्लाइट बोर्ड करने के बाद घंटों तक उसमें बैठे नहीं रहना पड़ेगा। - Dainik Bhaskar

नया नियम आने के बाद अब पैसेंजर्स की परेशानी कम होगी। उन्हें फ्लाइट बोर्ड करने के बाद घंटों तक उसमें बैठे नहीं रहना पड़ेगा।

बोर्डिंग के बाद फ्लाइट की उड़ान में अगर ज्‍यादा देरी होगी, तो अब पैसेंजर्स को विमान में बैठे-बैठे लंबा इंतजार नहीं करना होगा। वे फ्लाइट से उतर सकते हैं। एयरलाइन कंपनियों को अब अपने यात्रियों को एयरपोर्ट के एग्जिट गेट यानी डिपार्चर गेट से बाहर निकालने की परमिशन दी जाएगी।

एविएशन सेफ्टी को देखने वाली संस्था ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने 30 मार्च को एक गाइडलाइन जारी की थी, जो अब लागू हो गई है।

कितने समय बाद उतर सकेंगे, यह तय नहीं
फ्लाइट में कितनी देरी होने के बाद पैसेंजर्स को निकलने की अनुमति होगी, इसे लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। बस इतना बताया गया है कि पैसेंजर्स को फ्लाइट से उतारने का निर्णय एयरलाइन और उससे जुड़ी सिक्योरिटी एजेंसी लेंगी।

सवाल-जबाव में समझिए इस मामले को

1. पहले फ्लाइट से बाहर क्यों नहीं आने दिया जाता था?
पहली: भारत में एयरपोर्ट पर विमान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर टेक-ऑफ करते हैं। एयरक्राफ्ट टेक-ऑफ की लाइन में तभी लग पाते हैं, जब पैसेंजर्स को बैठाने के बाद उनका दरवाजा बंद हो गया हो। अगर कोई भी एयरक्राफ्ट गेट पर वापस लौटता है तो वो कतार से बाहर हो जाएगा।

बहुत अधिक कोहरे वाले दिनों में जब विमान समय से टेकऑफ नहीं कर पाते तो इनकी कतार 100 तक पहुंच जाती है। इससे यात्रियों को लंबे समय तक यानी कभी-कभी 2 से 5 घंटे तक फ्लाइट में ही इंतजार करना पड़ता है।

दूसरी: वहीं अगर यात्रियों को प्लेन से उतार दिया जाए तो वो अराइवल टर्मिनल से बाहर आएंगे, लेकिन वापस जाने के लिए उन्हें फिर से पूरे सिक्योरिटी चेक से गुजरना होगा। इस प्रोसेस में काफी समय खर्च होगा

2. ये फैसला क्यों लिया गया, क्या वजह हैं?
बीते महीनों में फ्लाइट डिले के कारण 2 बड़ी घटना हुई थी। जनवरी में मुंबई एयरपोर्ट पर फ्लाइट में बैठे यात्री डिले होने से नाराज थे। वे फ्लाइट से उतरे और टारमैक पर बैठ गए। जमीन पर बैठकर पैसेंजर्स ने डिनर किया। पूरी खबर पढ़ें

14 जनवरी को गोवा से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट 12 घंटे लेट होने के बाद मुंबई डायवर्ट कर दी गई। इससे नाराज पैसेंजर्स एयरक्राफ्ट पार्किंग में बैठकर खाना खाने लगे।

14 जनवरी को गोवा से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट 12 घंटे लेट होने के बाद मुंबई डायवर्ट कर दी गई। इससे नाराज पैसेंजर्स एयरक्राफ्ट पार्किंग में बैठकर खाना खाने लगे।

वहीं जनवरी की ही एक और घटना में गोवा जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6E-2175) के पैसेंजर ने परेशान होकर पायलट को थप्पड़ मारा था। फ्लाइट को सुबह 7.40 बजे उड़ान भरना था, लेकिन कोहरे के कारण इसमें कई घंटों की देरी हो गई थी। इन दोनों घटनाओं के बाद BCAS ने यह गाइडलाइन जारी की है। पूरी खबर पढ़ें

घटना दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6E-2175) की थी। इसे सुबह 7.40 बजे उड़ान भरनी थी, जो कोहरे के कारण लेट हुई थी।

घटना दिल्ली से गोवा जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6E-2175) की थी। इसे सुबह 7.40 बजे उड़ान भरनी थी, जो कोहरे के कारण लेट हुई थी।

3. नया नियम आने के बाद अब क्या होगा?
अब पैसेंजर्स की परेशानी कम होगी। उन्हें फ्लाइट बोर्ड करने के बाद घंटों तक उसमें बैठे नहीं रहना पड़ेगा। उड़ान में ज्यादा देरी होने या फ्लाइट में बैठने के बाद आपात स्थितियों में पैसेंजर्स को एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

BCAS के डायरेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने कहा, ‘एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को गाइडलाइन लागू करने के लिए स्क्रीनिंग के साथ ही बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करनी होगी। पैसेंजर्स को फ्लाइट से उतारने का निर्णय एयरलाइन और उससे जुड़ी सिक्योरिटी एजेंसी ले सकेंगी।’

4. फ्लाइट से बाहर आने पर क्या टिकट का पूरा पैसा वापस मिलेगा?
इसे लेकर भी गाइडलाइन में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

फरवरी में BCAS ने बैगेज की डिलीवरी को लेकर गाइडलाइन जारी की थी
BCAS ने एअर इंडिया, इंडिगो, अकासा, स्पाइसजेट, विस्तारा, एअर इंडिया एक्सप्रेस कनेक्ट और एअर इंडिया एक्सप्रेस को बैगेज डिलीवरी के लिए एक आदेश जारी किया था। ऑपरेशन, प्रबंधन और डिलीवरी समझौते (OMDA) के मुताबिक, फ्लाइट का इंजन बंद होने के 10 मिनट के भीतर पहला और 30 मिनट के भीतर आखिरी बैग कन्वेयर बेल्ट पर पहुंचना चाहिए।

BCAS क्या है?
साल 1978 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधीन BCAS की स्थापना की गई थी। उस समय फ्लाइट में किडनैपिंग और हिंसा की खबरें सामने आती थीं।

इन पर लगाम लगाने के लिए BCAS बनाया गया था। अप्रैल 1987 में इसे आटोनॉमस डिपार्टमेंट बना दिया गया। इसका काम अंतरराष्‍ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों, कार्य प्रणालियों और भारत के राष्‍ट्रीय नागर विमानन सुरक्षा मानकों से जुड़े प्रोटोकॉल्‍स की निगरानी करना है।

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