A-B-AB या O नहीं, ये है Bombay Blood, इस ग्रुप के दुनिया में सिर्फ 0.0004 फीसदी लोग, खून की जरूरत पड़े तो क्या करें

रिपोर्ट-गौहर
दिल्ली. बहुत जाना पहचाना और सुना स्लोगन है-रक्तदान-महादान. जरूरतमंद को रक्तदान कर उनकी जान बचाना पुण्य का काम है. रक्तदान से पहले डॉक्टर ब्लड ग्रुप की जांच करते हैं और यह तय करते हैं कि व्यक्ति रक्तदान कर सकता है या नहीं. अक्सर ब्लड ग्रुप 4 प्रकार का होता है A, B, AB और O या तो ये नेगेटिव होता है या तो पॉजिटिव. लेकिन क्या आपको पता है एक और ब्लड ग्रुप होता है-बॉम्बे ब्लड ग्रुप (Bombay Blood Group) ये दुर्लभ होता है.

Local 18 की टीम ने जब इस दुर्लभ ब्लड ग्रुप के बारे में इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बाइलरी साइंसेज, दिल्ली की डॉक्टर मीनू बाजपेयी से पूछा तो उन्होंने बताया दुनिया में इस तरह का दुर्लभ ब्लड ग्रुप केवल 0.0004 प्रतिशत आबादी में पाया जाता है. भारत में 10,000 लोगों में से केवल एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप बॉम्बे होता है. इसे HH रक्त प्रकार या दुर्लभ ABO रक्त समूह भी कहा जाता है. इस रक्त फेनोटाइप की खोज सबसे पहले 1952 में डॉक्टर वाईएम भेंडे ने बॉम्बे में की थी.

बॉम्बे ब्लड ग्रुप में क्या है खास?
किसी भी इंसान के ब्‍लड में मौजूद रेड ब्‍लड सेल्‍स में शुगर मॉल‍िक्‍यूल्‍स होते हैं. इन शुगर मॉल‍िक्‍यूल्‍स से तय होता है क‍ि व्‍यक्‍ति‍ का ब्‍लड ग्रुप क्‍या होगा? लेकिन, बॉम्‍बे ब्‍लड ग्रुप वाले लोगों में शुगर मॉलिक्‍यूल्‍स नहीं बन पाते. इसल‍िए ये क‍िसी भी ब्‍लड ग्रुप में नहीं आते हैं. इस ब्‍लड ग्रुप के लोगों के खून में मौजूद प्‍लाज्‍मा के अंदर एंटीबॉडी ए, बी और एच होता है.

रेयर ब्‍लड ग्रुप पर सामान्‍य जीवन
रेयर ब्‍लड ग्रुप होने के बावजूद इस ब्‍लड ग्रुप के लोग ब‍िल्‍कुल सामान्‍य जीवन जीते हैं. इन्हें किसी तरह की शारीर‍िक तौर पर कोई परेशानी नहीं होती है. वैसे अक्सर देखा जाता है कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप केवल नजदीकी खून के रिश्ते वाले लोगों में ही पाया जाता है. मुंबई में इस फेनोटाइप को रखने वाले केवल 0.01 प्रतिशत होंगे. यदि माता-पिता का ब्लड ग्रुप बॉम्बे है, तो संभावना है कि बच्चे का ब्लड ग्रुप भी एचएच होगा.

किसे दें और किससे ले सकते हैं खून
इस ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति सिर्फ दूसरे बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले से ही ब्लड ले सकते हैं. इसलिए इस ब्लड ग्रुप का जो भी व्यक्ति ब्लड डोनेट करता है, उसे स्टोर कर लिया जाता है. बॉम्बे ब्लड ग्रुप बहुत दुर्लभ है, इसलिए डोनर को ढूंढना बेहद मुश्किल हो सकता है.किसी दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने पर बॉम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज की जान खतरे में आ सकती है.

ब्लड टाइप का महत्व
लोगों को अपना ब्लड ग्रुप पता होना चाहिए, खासकर अगर उनका ब्लड ग्रुप बॉम्बे है, क्योंकि यह इमरजेंसी या सर्जरी के मामले में इलाज को बहुत प्रभावित कर सकता है. ब्लड टाइप टेस्ट लाल रक्त कोशिकाओं पर A, B और H एंटीजन की उपस्थिति निर्धारित कर सकते हैं. इससे हेल्थकेयर प्रोफेशनल उचित देखभाल कर सकते हैं.

Tags: Blood Donation, Health, Latest Medical news, Local18

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