बर्लिन. बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासी ने जर्मनी में लगभग 20,000 हाथियों को भेजने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण प्रयासों और शिकार किए गए जानवरों के प्रतीकों के आयात को सीमित करने के सुझाव का बोत्सवानावासियों पर असर पड़ सकता है. यह धमकी तब आई है जब इस साल की शुरुआत में जर्मनी के पर्यावरण मंत्रालय ने अवैध शिकार की चिंताओं के कारण शिकार की निशानी के आयात पर कड़ी सीमाएं लगाने की संभावना जताई थी. हालांकि, बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासी ने जर्मनी के अखबार बिल्ड से कहा कि यह केवल बोत्सवानावासियों को गरीब बनाएगा.
बोत्सावाना के राष्ट्रपति मासी के अनुसार संरक्षण के प्रयासों के कारण हाथियों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है और शिकार उन्हें नियंत्रण में रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. बोत्सवाना के राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि कैसे इन हाथियों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर, फसलों को खाकर और लोगों को रौंदकर उनके देश में कहर बरपाया है. मासी ने कहा कि ‘बर्लिन में बैठकर बोत्सवाना में हमारे मामलों के बारे में राय रखना बहुत आसान है. हम दुनिया भर के लिए इन जानवरों को संरक्षित करने की कीमत चुका रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि जर्मनों को ‘हाथियों के साथ मिलकर रहना चाहिए, जिस तरह से आप हमें बताने की कोशिश कर रहे हैं. यह कोई मजाक नहीं है.’ विशेष रूप से दक्षिणी अफ्रीकी देश बोत्सावाना ने 2014 में हाथियों के ट्रॉफी शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन स्थानीय समुदायों के दबाव में 2019 में प्रतिबंध हटा दिया. बोत्सवाना 130,000 से अधिक हाथियों का घर है, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी में से एक है और इसके लिए इसके पास जगह से भी अधिक है.
बोतस्वाना ने पहले 8,000 हाथियों को अंगोला और अन्य 500 को मोजाम्बिक भेजा है. पिछले महीने बोत्सवाना ने 10,000 हाथियों को लंदन भेजने की भी धमकी दी थी. बर्लिन यूरोपीय संघ में अफ्रीकी हाथी ट्रॉफियों और कुल मिलाकर शिकार ट्रॉफियों का सबसे बड़ा आयातक है. फिलहाल यूरोपीय संघ इस पर कठोर प्रतिबंधों की योजना बना रहा है.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 23:25 IST