सनन्दन उपाध्याय/बलिया: आयुर्वेद में पेड़ पौधों का बड़ा महत्व होता है. इस धरती पर कई ऐसे पेड़ पौधे हैं, जो बड़े औषधीय महत्व के होते हैं. जो हमारे शरीर के तमाम बीमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं.ऐसा ही एक पेड़ गूलर का. इस पेड़ में गजब के औषधीय गुण होते हैं. इसकी जड़, फल, छाल और तना समेत हर भाग काफी उपयोगी होता है. यह हमारे शरीर के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.
गूलर के पेड़ का आयुर्वेद में बड़ा महत्व है. इसका काढ़ा, फल, दूध, चूर्ण और कल्प के रूप में प्रयोग बताया जाता है, जो मानव जीवन के लिए बेहद लाभकारी और गुणकारी है. आइए जानते हैं इसके सही प्रयोग को लेकर एक्सपर्ट क्या बता रहे हैं.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि आयुर्वेद में गूलर का हर अंग उपयोगी है. इस पेड़ की पत्तियां, छाल, जड़ और तना आदि का प्रयोग एक नहीं बल्कि अनेक बीमारियों में किया जाता है.
डॉ. प्रियंका सिंह ने आगे बताया कि खूनी बवासीर में इसके दूध को रूई में भिगोकर लगाने से रक्तस्राव रुक जाता है. वहीं इसके छाल को उबालकर पीने से भी इसमें बहुत राहत मिलती है. किसी को मासिक धर्म में बहुत ज्यादा खून आ रहा हो, नाक से खून आ रहा हो या फिर कहीं भी खून आने की समस्या हो, तो वह भी इसका काढ़ा बनाकर सेवन कर सकता है. बहुत लाभकारी होता है. अगर किसी के मुंह में बार-बार छाले आ रहे हैं, तो उसमें इसके छाल को उबालकर कुल्ला करने से काफी लाभ मिलता है. किसी को दस्त हो रहे हैं, तो इस गूलर के दूध को 8 से 10 बूंद बताशे में डालकर सेवन करने से समस्या दूर होती है.
काढ़े से धोएं घाव जल्द भर जाएगा
मूत्र विकार से परेशान लोगों को इसके दो फलों का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए, बहुत लाभ मिलेगा. शुगर के मरीज इसके फल को सुखा लें और अंदर के बीज निकाल कर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण से उन्हें बेहद लाभ मिलेगा. ल्यूकोरिया के रोग में इसके 5 से 10 ग्राम चूर्ण को मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है. अगर घाव नहीं सूख रहा है, तो इसके फल का लेप लगाएं और इसके काढ़े से घाव को धोने से वह जल्द भर जाएगा. अगर किसी को बहुत कमजोरी है, तो इसके कच्चे फल का चूर्ण बनाकर साथ सेवन करें.
ये सावधानी भी बेहद जरूरी
इसका बहुत ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने से ज्वर या पेट में कीड़े की समस्या हो सकती है. इसलिए डॉक्टर के सलाह से ही इसका प्रयोग करें. क्योंकि एक आयुर्वेदिक चिकित्सक ही उम्र और बीमारी के हिसाब से इसकी सही मात्रा निर्धारित कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 12:16 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.