नई दिल्ली2 घंटे पहले
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नकदी के संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) के एम्प्लॉइज को मार्च की सैलरी के लिए 8 अप्रैल तक इंतजार करना होगा। इस बात की जानकारी 1-अप्रैल को कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक लेटर में दी है। बायजूस में अभी 15 हजार से ज्यादा एम्प्लॉइज काम करते हैं। सभी एम्प्लॉइज को उम्मीद थी कि उन्हें उनकी सैलरी सोमवार को मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इन्वेस्टर्स की वजह से सैलरी देने में हो रही देरी: बायजूस
बायजू को अपने एम्प्लॉइज को मार्च की सैलरी देने में देरी का सामना इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि इन्वेस्टर्स के साथ चल रहे विवाद के कारण हालिया राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाया गया फंड एक अलग अकाउंट में लॉक कर दिया गया।
बायजूस के मैनेजमेंट ने एम्प्लॉइज को भेजे लेटर में कहा, ‘हम आज आपको भारी मन से लेकिन आशा और आश्वासन के साथ यह लेटर लिख रहे हैं। हमें आपको यह बताते हुए खेद है कि कंपनी को सभी एम्प्लॉइज को सैलरी देने में फिर से देरी होगी।’
कंपनी ने लेटर में आगे लिखा, ‘बायजूस के कुछ मिसगाइड फॉरेन इन्वेस्टर्स को फरवरी के आखिरी में एक इंटरिम ऑर्डर प्राप्त हुआ है, जिसमें सक्सेसफुल राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाए गए फंड के यूज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चार फॉरेन इन्वेस्टर्स की इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत ने हमें प्रतिबंध हटने तक सैलरी डिस्ट्रीब्यूशन को अस्थायी रूप से रोकने के लिए मजबूर कर दिया है।’
साल 2011 में रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न नाम से अपनी एडटेक कंपनी की शुरुआत की थी।
बायजूस को पिछले महीने भी कर्मचारियों को सैलरी देने में हुई थी देरी
बायजूस को पिछले महीने भी अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में देरी हुई थी। तब कंपनी ने कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी के लिए 10 मार्च तक इंतजार करने को कहा था। तब कंपनी के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को एक लेटर भेजकर इस बात की जानकारी दी थी।
निवेशकों के ग्रुप में से 4 निवेशक निचले स्तर तक गिर गए हैं: रवींद्रन
तब बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों से कहा था, ‘हमारे 150 से ज्यादा निवेशकों के ग्रुप में से 4 निवेशक निचले स्तर तक गिर गए हैं। इस कारण हम आपको वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। हमने सैलरी देने के लिए ही राइट्स इश्यू के जरिए फंड जुटाया था, लेकिन यह निवेशकों के साथ चल रहे कानूनी विवाद के चलते अभी एक अलग खाते में बंद है।’
रवींद्रन ने कहा था, ‘यह एक दुखद वास्तविकता है कि कुछ निवेशकों ने पहले ही पर्याप्त मुनाफा कमा लिया है। इनमें से एक ने अपने शुरुआती निवेश से 8 गुना तक अधिक मुनाफा कमाया है। हम फिलहाल आपको वित्तीय सहायता देने में असमर्थ हैं, जिसके आप हकदार हैं। हम प्रयास कर रहे हैं कि आपके वेतन का भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।
हम सैलरी तभी दे सकेंगे, जब हमें कानून के मुताबिक ऐसा करने की अनुमति मिलेगी। पिछले महीने कंपनी को फंड की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और अब हम फंड होने के बावजूद देरी का सामना कर रहे हैं।’
निवेशकों ने ₹1,657 करोड़ के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की
बायजूस के निवेशकों प्रोसस एनवी, पीक एक्सवी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और सोफिना एसए ने 225 मिलियन डॉलर के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,657 करोड़ रुपए जुटाने के कंपनी के फैसले का विरोध किया है, जो कि कंपनी के पिछले फंडिंग राउंड से 99% कम है। पिछला फंडिंग राउंड 22 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.82 लाख करोड़ रुपए की वैल्यूएशन पर हुआ था।
बायजू के निवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने अमेरिका में एक अस्पष्ट हेज फंड में 533 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 4,416 करोड़ रुपए की हेराफेरी की और 1,657 करोड़ रुपए के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की। इसे अवैध और कानून के विपरीत बताया।
रवींद्रन ने सैलरी देने के लिए गिरवी रखा घर
बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने एम्प्लॉइज को सैलरी देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने फैमिली मेंबर्स का घर भी गिरवी रख चुके हैं। बेंगलुरु के दो घरों को गिरवी रखकर उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपए जुटाए थे और एम्प्लॉइज को सैलरी दी थी।