जोगिंदर सिंह उगराहां और रण सिंह चट्ठा
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पंजाब की सबसे सक्रिय किसान जत्थेबंदी भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुरा भाजपा के बाद अब आप के विरोध में उतर आईं हैं। उगराहां यूनियन ने तो संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब सरकार के खिलाफ 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में आंदोलन करने की घोषणा कर दी है।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने खास बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार ने कृषि बाजारों पर कॉर्पोरेट के कब्जे की शुरुआत कर दी है। 7 लाख 25000 टन गेहूं की खरीद पहले ही चरण में उन्हें सौंपी जा रही है। इन 9 सालों क्षेत्रों में स्थित 26 मंडियों व उपयार्डों को निकटवर्ती मंडियों में विलय करके समाप्त किया जा रहा है। इस फैसले के जरिये पंजाब की आप सरकार, भाजपा की मोदी सरकार से भी आगे निकल गयी है और कॉर्पोरेट घरानों के प्रति गहरी वफादारी दिखा रही है।
इस फैसले को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । पंजाब के लोगों को सावधान करते हुए कहा कि अगर चुनाव के दौरान वोटों के लिए हाथ फैलाने की जरूरत होने पर भी ऐसे घातक फैसले लिए जा रहे हैं, तो किसी भी रंग की पार्टी के सत्ता हासिल करने के बाद तो इससे भी घातक साम्राज्यवाद समर्थक हमले होंगे। इस फैसले के खिलाफ 8 अप्रैल को संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब द्वारा चंडीगढ़ में प्रांतीय रैली होगी। सिद्धूपुरा यूनियन के रण सिंह चटठा ने भी इस मामले में आप सरकार का तीखा विरोध करने की घोषणा की है । उन्होंने कहा कि यह तो किसानी पर सीधा हमला है। लोकसभा चुनाव में आप सरकार को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
विभिन्न मांगों को लेकर किसान यूनियनें पहले ही भाजपा का विरोध कर रही हैं। साइलो क्षेत्रों की मंडियों का विलय का मुद्दा आने वाले दिनों में सबसे चर्चित रहेगा और किसानों के मिज़ाज से आभास हो रहा है कि आप सरकार को आने वाले दिनों किसानों के तीखे तेवरों का सामना करना पड़ेगा । आप सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खुलने से पंजाब के मालवा की सियासी तस्वीर प्रभावित होना लाज़िमी है और अन्य राजनीतिक दलों को इसका लाभ मिल सकता है ।