बठिंडा में पुलिस और किसानों के बीच झड़प, तीन एसएचओ घायल, गैस पाइपलाइन के विरोध में प्रदर्शन
पंजाब के बठिंडा जिले के तलवंडी साबो के पास देर रात करीब 1 बजे पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई। इस घटना में तीन एसएचओ घायल हो गए, जिनमें एसएचओ गुरवीर सिंह, दलजीत सिंह और जसवीर सिंह शामिल हैं।
झड़प के दौरान पुलिस ने कुछ किसानों को हिरासत में लिया। हालात बिगड़ते देख मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने आधी रात को सड़क पर ट्रकों और अन्य वाहनों पर सवार किसानों को रोककर उन्हें उतार दिया, जिससे कई वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आईं।
इस विरोध का कारण बठिंडा में गुजरात से जम्मू तक बिछाई जा रही गैस पाइपलाइन का काम है। प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर काम शुरू किया है, जो तलवंडी साबो ब्लॉक के गांवों से होकर गुजरने वाली पाइपलाइन के लिए जरूरी है। हालांकि, किसान अधिक मुआवजे की मांग को लेकर काम में बाधा डाल रहे हैं। इस पर कंपनी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर किया है।
बठिंडा में पाइपलाइन विरोध: 9 दिसंबर को कोर्ट में होगी सुनवाई, प्रशासन ने शुरू किया काम
बठिंडा में पाइपलाइन बिछाने के विवाद को लेकर अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। इस बीच, प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। जब प्रशासन की टीम 8 दिसंबर को पाइपलाइन बिछाने के लिए गांव लेलेवाला पहुंची, तो किसानों ने उनका विरोध किया और उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे करीब 15 किसानों को हिरासत में लिया।
किसानों ने यह भी ऐलान किया है कि अब हर गुरुवार को गांव में प्रदर्शन किया जाएगा। कुछ किसान कम मुआवजा देने का विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
कंपनी ने किसानों की सहमति का दावा करते हुए हाईकोर्ट में केस दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रशासन और पुलिस कंपनी को पाइपलाइन बिछाने में सहयोग करें।
कंपनी किसी को ज्यादा तो किसी को कम मुआवजा दे रही है- शिंगारा सिंह
दूसरी ओर, भाकियू एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह ने कहा कि पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी खेत मालिकों को कम मुआवजा दे रही है। कंपनी के अधिकारियों ने जिला प्रशासन की मौजूदगी में लिखित समझौता किया था और किसानों को 24 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का वादा किया था।
लेकिन अब कंपनी अपने वादे से मुकर रही है। कंपनी को सभी किसानों को एक समान मुआवजा देना चाहिए। किसी को ज्यादा तो किसी को कम मुआवजा दिया जा रहा है।