यह फैसला उस समय आया है जब पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के लिए 10 दिन का समय दिया था और अवमानना का नोटिस भी जारी किया था।
पंजाब में नगर निगमों और नगर परिषदों के कार्यकाल का पांच साल पूरा हो चुका है, लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नहीं करवाए हैं। फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना नगर निगमों और 42 नगर परिषदों के चुनाव का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और यह मुद्दा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था।
14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन 15 दिनों के अंदर बिना वार्डबंदी के जारी की जाए। हालांकि, तय समय सीमा में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि इस दौरान सरकारी छुट्टियां भी आईं। इसके बाद अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी किया। अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि 10 दिन के भीतर चुनाव की नोटिफिकेशन जारी की जाए, साथ ही यह भी चेतावनी दी कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और अवमानना का मामला चलेगा।
पंजाब सरकार ने वार्डबंदी के लिए 16 सप्ताह का समय मांगा, अदालत ने चुनाव बिना वार्डबंदी के कराने का आदेश दिया
पंजाब में निकाय चुनावों को लेकर अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दलील दी कि वार्डबंदी की प्रक्रिया को पूरा करने में कुल 16 सप्ताह का समय लगेगा। उन्होंने अदालत को बताया कि 17 अक्टूबर 2023 को वार्डबंदी से संबंधित पिछला फैसला रद्द किया गया था, जिससे अब नए सिरे से वार्डबंदी की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी है।
हालांकि, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि चुनाव बिना वार्डबंदी के कराए जाएं। सरकार के लिए यह एक चुनौती बन गया, क्योंकि वह वार्डबंदी में देरी के कारण चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से तैयार करने में सक्षम नहीं थी।
इस मामले में अदालत में यह भी उठाया गया कि निकाय चुनाव न होने से लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और चुनाव जल्दी कराने की आवश्यकता है। इसके बाद, अदालत ने 10 दिनों के भीतर चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया, और यह भी कहा कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो सरकार पर जुर्माना लगाया जाएगा और अवमानना का मामला चलेगा।