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रामलीला की अनोखी मंडली, अधिकतर कलाकार ग्रेजुएट… कुछ ने तो नौकरी छोड़ी, ऐसे जगा रहे अलख

सागर: अभी तक आपने सिर्फ शौकीन या कम पढ़े-लिखे लोगों को कृष्ण लीला या रामलीला में मंचन करते देखा होगा. लेकिन, सागर में एक ऐसी युवाओं की टोली है जो न सिर्फ शिक्षित है बल्कि उनमें से कुछ नौकरी भी करते हैं. लेकिन, रामलीला और संस्कृति को जीवंत रखने के लिए कम खर्च में ये युवा अधिक काम कर रहे हैं. सागर के पंतनगर में प्रयागराज से 15 लोगों की यह टीम आई है, जो रामलीला का मंचन कर रही है.

विलुप्त संस्कृति को बचाने की चुनौती
मंडली के अखिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि वह प्रयागराज के रहने वाले हैं. वहीं से पढ़ाई लिखाई की. B.Ed कर रहे हैं. हम लोगों ने प्रयागराज में बचपन से रामलीला देखी है. तभी से जुड़े हुए हैं. बीच में एक फैक्ट्री में 25,000 में नौकरी भी करने लगे थे. लेकिन, करीब 3 साल पहले मन नहीं लगा तो छोड़ दिया. वापस रामलीला करने लगे. इसके लिए अखिलेश ने अपनी खुद की टीम तैयार कर ली. इस परंपरा को जीवंत रखने के लिए हम लोग शहर-शहर जाते हैं. अब तक यूपी के अलावा राजस्थान और एमपी के कई जिलों में मंचन कर चुके हैं.

सोशल मीडिया की वजह से रामलीला में रुचि कम
प्रयागराज से आए श्री सीताराम रामलीला मंडल के पं. चंद्रिका दास महाराज ने बताया कि रामलीला की परंपरा लुप्त होती जा रही है. आधुनिक युग में मोबाइल, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए लोग पूरी दुनिया की गतिविधियां देख रहे हैं. रामलीला में अब लोगों की रुचि नहीं है, लेकिन हमारे मंडल का मुख्य उद्देश्य है कि न केवल इस परंपरा को जीवित रखें, बल्कि नई पीढ़ी को रामायण और उसका महत्व बताएं व समझाएं. कहा कि तेजी से बदलते दौर में अब यह काम बहुत मुश्किल हो गया है. रामलीला में लोगों ने रुचि लेना बेहद कम कर दिया है. यही हमारे लिए चुनौती है.

अधिकतर कलाकार ग्रेजुएट
रामलीला मंडली के अधिकांश कलाकार शिक्षित हैं और कुछ न कुछ अलग कामकाज भी करते हैं. कुछ तो नौकरी में भी हैं और कुछ ने कोरोना काल के बाद प्राइवेट नौकरी छोड़ दी. प्रमुख कलाकारों में अरुण चतुर्वेदी, सुरेंद्र मिश्रा, श्रवण कुमार, अनूप मिश्रा, उमेश पांडे, ज्ञानेंद्र पांडे, अंशु पांडे, उमेश पांडे, अभिषेक तिवारी आदि शामिल हैं. इन कलाकारों का कहना है कि बचपन में प्रयागराज में रामलीला होती थी, तभी से शौक ने रामलीला से जोड़ दिया. अधिकांश कलाकार ग्रेजुएट हैं. सनातन में आस्था ही उनको इससे जोड़े है.

Tags: Local18, Sagar news

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