मुजफ्फरपुर. शाही लीची की सबसे ज्यादा पैदावार बिहार के मुजफ्फरपुर में होती है. हालांकि लीची का सीजन बीत गया है लेकिन उसको लेकर एक बड़ी अपडेट है. अब मुजफ्फरपुर के लीची किसान खुद से लीची की लाइफ को बढ़ा सकते है इसके लिए जिले के प्रसिद्ध लीची व्यापारी कृष्ण गोपाल और उनकी कम्पनी विश्वक्सेना एग्रो पिछले चार वर्ष से इसपर एक्सप्रीमेंट कर रहे थे.
इसके लिए लीची अनुसंधान केन्द्र का बहुत मदद मिला, जिससे आज यह सफल हो गया है. अब अगले सीजन से किसान भी इस सॉल्यूशन को अपना सकते है. इसके उन्हें बस कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी जिसके बाद लीची की सेल्फ लाइफ बढ़ जाएगी, इसका सैंपल भी लीची अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक को दी गई है इसपर आगे और काम किया जाएंगे.
कृष्ण गोपाल ने लोकल 18 को बताया की इस एक्सपेरिमेंट पर हम लोग पिछले चार साल से ट्रायल किए थे सक्सेस तो यह बहुत पहले हो गया था उसी को इस बार हम लोगो ने ट्यूनिंग किया है जिसमें हमने बीते 14 तारीख को लीची को ट्रीट किया था और आज के कंडीशन में भी हमरा लीची फ्रेश है जबकि दस दिन हो गए है और इसके लाइफ को देख रहे है की और कितने दिन यह फ्रेश रहेगा इसकी प्रोसेस को कोई भी किसान कर सकते हैं यह सिंपल प्रॉसेस है.
इसमें लीची को हार्वेस्ट करना है फ्रूट सेनिटेजर होता है जिसमे सबसे पहले इसको वश करना है क्योंकि बगीचे के लीची को कई दावा और किट के साथ गुजरना पड़ता है फिर उसके बाद उसको सेंटाइज में डीप करना है फिर उसको ड्राई करके एसडीपी बैग में पैक करके कोल्डरूम में डाल दीजिए, जिससे आपका सेल्फ लाइफ बढ़ा हुआ रहेगा. इससे यह फायदा होगा की मार्केट में लीची की एक्सपोर्टिंग अच्छी होगी. इस प्रॉसेस को करने के लिए किसान के पास इंस्फेटचर होना चाहिए.
वहीं लीची की लाइफ और फ्रेशनेस को लेकर लीची अनुसंधान केन्द्र के हार्वेस्ट स्पेशलिस्ट वैज्ञानिक अंकित कुमार ने लोकल 18 को बराया की लीची की सेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है. उसको करेक्ट मैच्युरियट पर उसको हार्बेस्ट कीजिए अगर उसको काम मैच्युरेट और अधिक मैच्युरेट अवस्था में हार्बेस्ट कर रहे है तो उसका सेल्फ लाइफ डिग्रेट कर जाता है और कम रहता है साथ ही वैज्ञानिक अंकित कुमार ने आगे बताया की लीची की लाइफ बढ़ने में टैंप्रेचर बहुत मायने रखता है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 22:33 IST