समस्तीपुर : पशुपालक किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है. अब वे कम लागत में पशु चारे की अधिक उपज प्राप्त कर सकेंगे. दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालन की कार्यकुशलता में सुधार लाने में हरे चारे की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ज्वार (जनेरा) खरीफ मौसम के दौरान आमतौर पर उगाई जाने वाली हरी चारा फसल है. ज्वार में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है, यह स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जो इसे पशुओं के लिए एक बेहतरीन आहार बनाता है.
इसे पशुओं को ताजा या सुखाकर करबी के रूप में दिया जा सकता है. देश के कुछ क्षेत्रों में ज्वार को अनाज के रूप में उगाया जाता है. गौरतलब है कि समस्तीपुर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में ज्वार को स्थानीय लोग जेनेरा के नाम से पुकारते हैं. इस क्षेत्र में ज़्यादातर किसान ऐसी चारे का फ़सलें उगाते हैं जो सिर्फ एक मौसम में ही फ़सल देती हैं. लेकिन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डेरी फार्म में कार्यत वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन पर ध्यान देकर और अनुशंसित किस्म का चुनाव करके, वे एक बार फ़सल लगते हैं तो ओ तीन साल तक पशुओं के चारे की निरंतर आपूर्ति का आसानी से कर सकते हैं. वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर किसान बीज एवं हल जुटाई की खर्च बचा सकते हैं.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डेरी फार्म में कार्य वैज्ञानिक डॉक्टर गंगाधर नंदा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि इस क्षेत्र की अक्सर किसान वैसे ज्वार का बीच का चयन करते हैं जिससे उन्हें सिंगल कट या मालती कट होता है. सिंगल कट में एक से दो बार ही कटिंग किया जाता. मल्टी कट में दो से तीन बार कटिंग किया जाता है. उन्होंने कहा कि मैं जो ज्वार के बारे में बताने जा रहा हूं वह सिंगल कट या मल्टी कट भी नहीं है. यह बहू वर्षीय ज्वार है जो की 3 वर्षों तक किसान पशु चारा काट सकते हैं. उन्होने कहा कि वैज्ञानिक पद्धति को अपना कर खेती करते हैं तो वह एक बार लगाने पर 3 सालों तक फसल की कटाई कर अपने मवेशी की चार का प्रबंध कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के अक्सर किसान छिट्टा बुवाई करते हैं, लेकिन वह छिट्टा बुवाई ना कर लाइन बाई लाइन करते हैं तो फसल का उत्पादन अच्छा रहेगा. विशेषज्ञ ने सलाह दी कि 1.5 से 2 फीट के अंतराल पर बीज बोने से किसान भरपूर फसल प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस बीज को तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित अनंत किस्म के गुणों की हैं. इन बेहतरीन बीजों को खरीदने के लिए किसानों को समस्तीपुर में राष्ट्रीय बीज निगम कार्यालय से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 23:00 IST