रायपुर: बीई और बीटेक में प्रवेश के लिए आयोजित जेईई मेंस और जेईई एडवांस्ड परीक्षा में जशपुर के छात्र आयुष कुमार साहू ने सफलता हासिल की है. विगत दिनों घोषित हुए जेईई एडवांस्ड परीक्षा -2024 के परिणाम में जशपुरनगर के छात्र आयुष कुमार साहू ने सफलता हासिल कर पूरे जिले समेत प्रदेश का नाम रौशन किया है. आयुष की इस सफलता से उनके परिवार में जश्न का माहौल है. वहीं आयुष को इस सफलता के लिए जशपुर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल और सीईओ अभिषेक कुमार ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है.
जेईई एडवांस्ड में एआईआर रैंक 3664 अंक के साथ आयुष ने सफलता हासिल की है. इस बेहतर रैंक के साथ आयुष का देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक आईआईटी खड़गपुर में चयन हो गया है. छात्र आयुष कुमार ने जेईई एडवांस्ड में 360 में 184 अंक प्राप्त किए है. आयुष ने बतया कि वह 12वीं की पढ़ाई के साथ ही जेईई के लिए राजस्थान में कोचिंग ले रहा था. जेईई मेंस उन्होंने 99.30 परसेंटाइल और जेईई एडवांस्ड में 667 कैटेगरी रैंक के साथ ऑल इंडिया स्तर पर 3664 रैंक हासिल की है.
बेटे पर मुझे गर्व है
आयुष ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, अभिभावकों व गुरुजनों को दिया है. पिता नकुल साहू का कहना है कि आयुष बचपन से ही होनहार है, 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी आयुष ने बेहतर सफलता हासिल किया था. परिवार में खुशी का माहौल है और एक पिता के नाते अपने बेटे पर मुझे गर्व है. आयुष के पिता नकुल साहू जिला अस्पताल में कार्यरत हैं और माता सरिता साहू आत्मानंद हिंदी मीडियम में शिक्षिका है. उनकी एक बहन है जो की अभी कक्षा 8वीं में अध्यनरत है.
ऑल इंडिया 3664 रैंक की हासिल
आयुष साहू शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं उनकी शुरुआती शिक्षा कक्षा पहली से पांचवी तक केंद्रीय विद्यालय जशपुर में हुई. इसके बाद उन्होंने सैनिक स्कूल अंबिकापुर में पांचवी से दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद आयुष कोटा के एलेन कोचिंग सेंटर में जेईई मैंस और एडवांस की तैयारी के लिए गए और वहां ग्लोबल इंग्लिश मीडियम स्कूल कोटा में 12वीं की शिक्षा ग्रहण करते हुए इन्होंने इस वर्ष 2024 के जेईई मेंस की परीक्षा में 99.30 परसेंटाइल और जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंक 3664 हासिल हुआ है.
डाउट क्लियर के लिए यूट्यूब की लेते थे मदद
आयुष साहू ने Local18 को बताया कि उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल किया है. तैयारी के दौरान रोजाना 9 घंटे की पढ़ाई खुद से करते थे वहीं 6 घंटे रोजाना क्लास अटेंट करते थे यानी 14 से 15 घंटा रोजना पढ़ाई करते थे. आयुष ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल न के बराबर किया है. व्हाट्सएप का इस्तेमाल भी काम होने पर ही करते थे. डाउट क्लियर के लिए टीचर और यूट्यूब की मदद लेते थे. आयुष ने अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि सफल होने के लिए कंसेंटेंसी बहुत जरूरी है. अर्थात लगातार दो वर्षों से निरंतरता बनाकर पढ़ाई करने से ही उन्हें सफलता मिली है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 12:37 IST