भागलपुर. बिहार के भागलपुर एवं आस-पास के क्षेत्र में मछली पालन या मछली पकड़ने वालों के लिए अच्छी खबर है. अब उनकी आय भी बढ़ने वाली है. दरअसल, भागलपुर में ही अब मछली का फीड तैयार किया जाएगा. मछली का फीड तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर छोटी मछलियों की जरूरत पड़ती है. आम तौर नदी में मछली पकड़ने वाले मछुआरों के जाल में छोटी मछलियां फंस ही जाती है. मछुआरे या तो नदी में हीं उसे फेंक देते हैं या फिर कम कीमत पर बेच देते हैं. लेकिन, अब मछुआरे फीड मिल में छोटे मछलियों को बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.
बंगाल नहीं अब भागलपुर में बने फीड से होगा मछली पालन
मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने बताया कि मछली पालकों को इससे यह फायदा है फीड के लिए बंगाल पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी, क्योंकि अब भागलपुर में ही फीड मिल तैयार हो गया है. आसानी से मछली फीड यहां से ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि भागलपुर के सन्हौला में फीड मिल बनकर तैयार हो गया है. इस फीड मिल में मछली का भोजन तैयार भी किया जाने लगा है. पहले फीड के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ता था, लेकिन मछली पालकों का यह इंतजार अब ख़त्म होने वाला है. उन्होंने बताया कि फीड के छोटी मछली की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है, क्योंकि छोटी मछली के खरीदार नहीं मिलते हैं. लेकिन, अगर इसको सूखाकर मछली पालक रख लें तो इसको मिल वाला आसानी से खरीद लेगा.
इस तरह तैयार होता है मछली का फीड
मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने बताया कि सूखे मछली को ड्राई मशीन में डाल कर उसे और सुखाया जाता है. उसके बात इसे ग्रैंडर में डाल कर पाउडर बनाया जाता है. इसके बाद मछली के फीड में मिलाया जाता है. इससे उसकी गुणवत्ता अच्छी होती है. इसके साथ ही इसमें अन्य कई सामाग्रियों को मिलाकर फीड तैयार किया जाता है. जिससे तालाब में पलने वाले मछली को गुणवत्ता वाली फीड मिल जाता है. उन्होंने बताया कि इससे मछलियों का ग्रोथ अच्छा होता है. हालांकि यहां के मछली पालक बंगाल से फीड मंगवाते हैं. लेकिन, कई बार समय पर फीड यहां नहीं पहुंच पाता है, जिससे मछली के फीड के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करना पड़ता है. यह मछलियों के ग्रोथ को भी प्रभावित करता है. हालांकि अब मछली पालकों की यह समस्या दूर हो गई है. खास बात यह है कि यहां बंगाल से सस्ते में फीड मिल जाएगा और हर समय उपलब्ध रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 18:30 IST