सतना: ब्लड आर्ट… हो सकता है कुछ लोगों के लिए शब्द नया हो, लेकिन इस कला में हुनर के साथ-साथ भावनाओं की समझ भी जरूरी है. क्योंकि, किसी के खून से कोई तस्वीर बनाने के लिए एक खास तरह का हुनर चाहिए. इस हुनर में मैहर की शेफाली माहिर हैं. शेफाली विंध्य क्षेत्र की पहली आर्टिस्ट हैं, जो ब्लड आर्ट करती हैं. इंसानी खून को कागज पर आकार देती हैं. इस विधा के लोग अब दीवाने होते जा रहे हैं.
मैहर की रहने वाली आर्टिस्ट शेफाली विंध्य की पहली लड़की हैं, जिन्होंने अपनी चित्रकला में एक अलग पहचान बनाई है. उनकी पेंटिंग्स में इंसानी खून से बनी अद्वितीय कला, लोगों के दिलों में बसती है. उनका परिवार उनके साथ है, जो हर कदम पर उन्हें समर्थन देता है. शेफाली ने न केवल चित्रकला में, बल्कि अपनी अजब-गजब पेंटिंग्स से भी लोगों का दिल जीता है. खासकर ब्लड आर्ट के लिए फेमस हो चुकी हैं.
लॉकडाउन से शुरू किया सफर
शेफाली ने सिमरन पब्लिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है. वर्तमान में श्रीरामा कृष्णा कॉलेज में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं. शेफाली ने लॉकडाउन से स्केच आर्ट की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे ये सफर ब्लड आर्ट तक आ पहुंचा. वह विंध्या की पहली युवा कलाकार हैं जो इस क्षेत्र में काम करती हैं और उन्होंने पेंटिंग में हमेशा इंसानी खून का ही प्रयोग किया है. इसका वो ध्यान रखती हैं कि कोई पेंटिंग बनवाने के लिए किसी जानवर का खून न दे.
लोग करते हैं डिमांड
शेफाली स्केच बहुत उम्दा बनाती हैं, लेकिन ब्लड आर्ट ने उन्हें और अधिक पहचान दिलाई है. उनके पास लोग अपनी पत्नी, पति, गर्लफ्रेंड, माता-पिता की पेंटिंग खून से बनवाने के लिए आते हैं. शेफाली अपनी कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प रखती हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान से सभी का मन मोह लिया है.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 17:56 IST