सियोल. उत्तर कोरिया ने सोमवार की रात दक्षिण कोरिया की ओर फिर से बैलूनछोड़े हैं. दक्षिण कोरिया की सेना ने आशंका जताई है कि इनमें कचरा हो सकता है. इस प्रकार के प्रयोग को कोरियाई प्रायद्वीप में शीत युद्ध के अभियान का नया दौर बताया जा रहा है. जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि बैलूनदक्षिण (कोरिया) की ओर बढ़ रहे हैं. यह घटना उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक प्रमुख रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर होने के कुछ दिन बाद सामने आई है.
पर्यवेक्षक देश इस बात से चिंचित हो रहे हैं कि इस समझौते से किम दक्षिण कोरिया के खिलाफ और अधिक उकसावे वाली कार्रवाई कर सकते हैं. इससे पहले सोमवार को कहा गया कि बैलूनछोड़े जाने के लिए अनुकूल उत्तरी या उत्तर पश्चिमी हवा के पूर्वानुमान को देखते हुए सेना उत्तर कोरिया की गतिविधियों की गहन निगरानी कर रही है.
सेना ने बयान जारी कर दक्षिण कोरिया के लेागों को इन गुब्बारों को न छूने की अपील की है और इस बारे में सेना और पुलिस अधिकारियों को सूचित करने को कहा गया है, हालांकि सेना यह नहीं बताया है कि बैलूनछोड़े जाने के जवाब में क्या करेगी. बताया जा रहा है कि किम जोंग उन की इस दोनों देशों में टेंशन को और भी ट्रीगर कर सकती है. इसके वजह युद्ध की स्थिती पनप सकती है.
पहले भी कर चुका ये काम
इससे पहले मई के अंत में भी उत्तर कोरिया ने सिलसिलेवार तरीके से बैलूनछोड़े थे, जिसमें दक्षिण कोरिया के विभिन्न हिस्सों में गोबर की खाद, सिगरेट के टुकड़े, कपड़े के टुकड़े, बेकार बैटरियां और प्लास्टिक गिराए गए थे, हालांकि कोई खतरनाक सामग्री नहीं पाई गई थी. उत्तर कोरिया ने उस समय कहा था कि बैलून छोड़ने का यह अभियान दक्षिण कोरिया के उन लोगों के खिलाफ एक प्रतिशोधात्मक कार्रवाई थी, जिन्होंने उनके सीमा पर देश की सरकार के खिलाफ राजनीतिक पर्चे फेंके थे.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 22:48 IST