पलामू: सावन का पावन महीना नजदीक आने को है. इस दौरान शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है. भगवान शिव के आस्था को लेकर कई कहानी और कई मान्यताएं देखने-सुनने को मिलती है. कुछ ऐसी मान्यता होती है जो रोचक होती है. ऐसी हीं आस्था और मान्यता का केंद्र झारखंड के पलामू जिले में है. जहां उंटारी प्रखंड में शिव संपत धाम है. मान्यता है की यहां आए हुए हर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है.
100 साल से भी ज्यादा पहले से विराजमान हैं शिव परिवार
दरअसल, पलामू जिले के उंटारी प्रखंड में स्थित शिव संपत धाम इतना प्रसिद्ध है कि यहां झारखंड हीं नहीं बल्कि सीमावर्ती जिले से भी लोग यहां जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. यहां 100 साल से भी पहले भगवान शिव अपने परिवार के साथ विराजमान हैं. बता दें कि यहां प्रकट रूप में भगवान भोलेनाथ माता पार्वती, गणेश, नाग देवता और नंदी महाराज के साथ मौजूद है. जिसके दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के सभी दुख दूर हो जाते है.
चरवाहा के सपने में आए थे भगवान भोलेनाथ
मंदिर के पुजारी शिव शंकर बैद्य ने लोकल 18 को बताया की ये आस्था और मान्यता का दुर्लभ केंद्र में से एक है. जहां श्रद्धालुओं के द्वारा एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से मुराद पूरी होती है. इसकी कहानी बड़ी रोचक है. उन्होंने कहा की 1875 ईस्वी में संपत नाम का चरवाहा था. जो कि यहां गाय और भैंस चराया करता था. एक दिन उसके सपने में भगवान भोलेनाथ आए थे और बताए की इस स्थान पर वो सदियों से मौजूद हैं, लेकिन किसी को जानकारी नहीं है. जिसके बाद खुदाई करने से चार पत्थर जमीन से निकले जो की शिव परिवार थे. जिसके बाद पूजा अर्चना शुरू हुई और आज तक होती आ रही है.
मेले का होता है आयोजन
पुजारी ने आगे बताया की यहां सावन के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. कांवर लेकर श्रद्धालु यहां जल चढ़ाने पहुंचते है. वहीं शिवरात्रि के मौके पर सात दिनों तक आयोजन होता है. इस दौरान रासलीला, रामलीला का भी आयोजन होता है. दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. मकर संक्रति के अवसर पर भी मेले का आयोजन होता है.
FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 19:29 IST