रोहित भट्ट/अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में एक ऐसा सिनेमा हॉल है, जो ब्रिटिशकाल का है. एक समय इस हॉल में फिल्म देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी. अल्मोड़ा के आर्य समाज के पास स्थित लच्छीराम थिएटर, जिसे रीगल सिनेमा हॉल भी कहा जाता है. जब लोगों के पास मनोरंजन के कम साधन हुआ करते थे, तो लोग इस ऐतिहासिक सिनेमा हॉल में आकर फिल्म देखा करते थे. स्थानीय लोगों की मानें, तो ब्रिटिश समय का यह सिनेमा हॉल उस वक्त छोटे बच्चों से लेकर बड़ों के लिए मनोरंजन का अड्डा था. सुबह से लेकर देर रात तक यहां पर फिल्म देखने के लिए लोगों का क्रेज भी देखने को मिलता था. इतना ही नहीं रात के वक्त लोगों की इस हाल में फिल्म देखने के लिए काफी भीड़ भी देखने मिलती थी. पर पिछले 20 साल से बंद पड़े इस सिनेमा हॉल की हालत खराब हो चुकी है. अब यह खंडहर का रूप ले चुका है.
स्थानीय निवासी हरीश कनवाल ने बताया कि अल्मोड़ा का ऐतिहासिक ब्रिटिश समय का यह थिएटर हुआ करता था. पहले इसे लच्छीराम थिएटर के नाम से जाना जाता था. फिर धीरे-धीरे इसे रीगल सिनेमा हॉल के नाम लोग जानने लगे. उस वक्त की दौर में एक मात्र यही हॉल हुआ करता था, जिसका क्रेज सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. फिर धीरे-धीरे मुरली मनोहर और जागनाथ सिनेमा हॉल हुआ करता था. उसे दौरान रीगल सिनेमा हॉल में काफी भीड़ लोगों की देखने को मिलती थी. पर धीरे-धीरे यह सिनेमा हॉल खंडहर का रूप ले चुका है. आगे उन्होंने बताया कि पुराने लोग बताते हैं कि 9 से 12 बजे के शो में लोगों की काफी भीड़ हुआ करती थी. हरीश ने बताया कि यह प्रॉपर्टी वर्तमान में मारुति नंदन साह के पास है, जिनका भविष्य का सपना है कि यहां पर दोबारा से सिनेमा हॉल शुरू हो. इसके अलावा अन्य चीज भी इसमें बनाई जाएगी.
स्थानीय निवासी सोबन कनवाल ने बताया कि पहले के समय में मनोरंजन के साधन काम हुआ करते थे. पहले के समय में यहां पर 4 शो चला करते थे. सुबह 9 से 12, दोपहर 12 से 3, दोपहर 3 से 6 और रात को 9 से 12 बजे तक शो चला करते थे, जिसमें रात के वक्त 9 से 12 बजे शो में काफी लोगों की भीड़ देखने को मिलती थी. उस वक्त के समय जिसको टिकट मिल जाता था. वह काफी भाग्यशाली हुआ करता था. क्योंकि, टिकट लेने के लिए लोगों की ऐसी होड़ देखने को मिलती थी.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 11:03 IST