करौली. आमतौर पर आपने ऐसी कई मिठाई खाई होंगी, जिनके स्वाद का आनंद आप एक-दो दिन नहीं बल्कि चार-पांच दिन के लिए आराम से उठा सकते हैं. मिठाइयों के देश भारत में बनने वाली ज्यादातर मिठाइयों का स्वाद लगभग दो-तीन दिनों तक तो बरकरार रहता ही है. लेकिन राजस्थान के करौली में मौसम के अनुसार बनने वाली एक खास मिठाई ऐसी है, जिसका स्वाद आप केवल एक ही दिन ले सकते हैं. दूसरे दिन तो इस खास मिठाई का स्वाद मानों गायब या फिर खराब हो जाता है.
गर्मी के मौसम की एक खास सब्जी से बनकर तैयार होने वाली यह मिठाई, ताजा ही स्वाद देती है. स्वाद तो इसका इतना लजीज है कि जिसने भी इसके स्वाद को चखा है. उसके लिए इसके अद्भुत स्वाद को भूला – पाना मुश्किल है. गर्मी आते ही इसके स्वाद के दीवानों को इस मिठाई का जायका लेने के लिए तड़प उठना शुरू हो जाती है. इस मिठाई का नाम टिंडे की मिठाई है. जिसका स्वाद राजस्थान के करौली में वर्षों पुराना है.
खास बात ये है कि करौली में इस मिठाई का स्वाद केवल दो मशहूर मिठाई के ठिकानों पर गर्मी के मौसम में केवल 3 महीना के लिए ही मिल पाता है. और डिमांड तो इस टिन्डे की मिठाई की इतनी भारी भरकम रहती है कि रोजाना पूर्ति तक नहीं हो पाती.
टिंडे की यह खास मिठाई काफ़ी मेहनत के बाद बनकर तैयार होती है. दूसरी इसकी सबसे खास बात यह है कि एक व्यक्ति दिनभर भी इसको तैयार करने में लगे तो मुश्किल से 5 किलो टिंडे की मिठाई ही शाम तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो पाती है.
करौली में बहुत पुराना है इसका स्वाद
करौली में जिन दो मिठाइयों के ठिकानों पर यह टिंडे की मिठाई बनती है. उनमें से एक सोनी मिष्ठान भंडार के विक्की सोनी बताते है कि इस टिन्डे की मिठाई का स्वाद बहुत अच्छा और पुराना है. करौली में इसे पुराने आदमियों ने बनाना शुरू किया था. सोनी का कहना है कि इस मिठाई को बनाने में मेहनत थोड़ी ज्यादा लगती है इसी कारण इसे हर कोई नहीं बना पाता है. करौली में सिर्फ यह मिठाई दो मिष्ठान भंडारों पर ही मिलती है. एक तो हमारे यहां और दूसरा झंडू महाराज की बड़े बाजार वाली दुकान पर. बाकि और जगह यह मिठाई नहीं मिल पाती है.
सोनी का कहना है कि टिंडे की मिठाई की मांग भी हमारे यहां खूब रहती है. क्योंकि यह मिठाई मौसम के अनुसार सिर्फ तीन महीने, गर्मी – गर्मी ही हमारे यहां बनती है. इन तीन महीना में भी इस मिठाई के लिए टिंडे की सब्जी का अच्छा आना भी जरूरी है. बाजार में टिन्डे अच्छे आने पर ही यह मिठाई बन पाती है. जैसे ही यें टिंडा कड़क आने लगता है. फिर इस मिठाई का बनना बंद हो जाता है.
सिर्फ ताजा ही बनती है यह मिठाई
टिंडे की मिठाई की सबसे बड़ी खूबी, यह केवल एक ऐसी मिठाई है जो रोजाना, ताजा ही बनती है. दूसरे दिन तो इस मिठाई का स्वाद थोड़ा अलग- सा या फिर बिगड़ जाता है. टिंडे की मिठाई को सिर्फ ताजा खाने में ही मजा आता है. क्योंकि जो स्वाद इसके ताजा- पन में आता है वह स्वाद दूसरे दिन नहीं आ पाता है. इसलिए विक्की सोनी का कहना है कि रोजाना वह केवल 5 किलो ही टिंडे की मिठाई बनाते हैं. जों शाम तक पुरी बिक जाती है.
अद्भुत है इस मिठाई का स्वाद
वहीं करौली में इस मिठाई के दूसरे ठिकाने, झंडू मिष्ठान भंडार के पवन हरदेनिया का कहना है कि टिंडे की मिठाई का स्वाद बहुत अद्भुत है. यह एक सीजनेबल मिठाई है. जिनकी डिमांड हमारे यहां इतनी रहती है कि यह मिठाई बन तक नहीं पाती. पवन का कहना है कि इस मिठाई की डिमांड जयपुर, आगरा, दिल्ली तक रहती है. जबकि आगरा तो खुद मिठाइयों का जनक है. लेकिन वहां के लोग भी इस मिठाई को यहां लेने आते है.
पवन बताते हैं कि टिंडे की मिठाई की खासियत एक तो यह मिठाई ठंडी रहती है जिसके कारण गर्मियों में ठंडक करती है. और यह मिठाई स्वादिष्ट भी होती है. सब्जी से बनने के कारण इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट या फिर किसी भी प्रकार की केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है. टिंडे की इस मिठाई को टिन्डे को अच्छी तरह से धोकर साफ सफाई के साथ शुद्ध मावे और काजू, बादाम, पिस्ता से भरकर बनाया जाता हैं. करौली में यह टिंडे की मिठाई ₹400 किलो के भाव से इन दोनों मिष्ठान भंडारों पर बिकती हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 22:19 IST