नई दिल्ली. प्रतियोगी परीक्षाओं नीट (NEET) और यूजीसी-नेट (UGC-NET) में कथित अनियमितताओं को लेकर बड़े पैमाने पर उठे विवाद के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के महानिदेशक (डीजी) सुबोध सिंह को शनिवार को पद से हटा दिया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सिंह को अगले आदेश तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ में रखा गया है.
भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को नियमित नियुक्ति किए जाने तक परीक्षा एजेंसी के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एनटीए महानिदेशक को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में अनिवार्य प्रतीक्षा में रखा गया है. प्रदीप सिंह खरोला को अगले आदेश तक एनटीए महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.”
सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को रद्द कर दिया है, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) में भी ‘पेपर लीक’ के आरोप हैं और इसे रद्द करने की मांग की जा रही है. नीट-यूजी 2024 पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था.
एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए थे जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह अभ्यर्थियों के नाम भी शामिल हैं. इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया. आरोप है कि ग्रेस मार्क्स दिए जाने से 67 छात्र शीर्ष रैंक पर पहुंच गए.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 21 जून को सुनवाई की और छह जुलाई से प्रस्तावित काउंसलिंग प्रक्रिया को टालने से इनकार कर दिया तथा कहा कि यह ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जिसे जब चाहे शुरू और जब चाहे बंद कर दिया जाए. शीर्ष अदालत ने पांच मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितता को लेकर नीट-यूजी को रद्द करने के आग्रह वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए हैं.
FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 22:05 IST