शाहजहांपुर: मानसून के आने से पहले ही भारत के कई हिस्सों में धान की रोपाई होने लगी है. लेकिन जिन किसानों ने अभी तक धान की रोपाई शुरू नहीं की है. वह बारिश से पहले कुछ जरूरी काम कर लें. ताकि वो बारिश के पानी का ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सके. बारिश के पानी से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और किसानों को अधिक उत्पादन मिलता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि यूपी के मध्य भाग में 24 जून से 25 जून के मध्य मानसून की पहली बार हो जाएगी. लेकिन बारिश से पहले किसान अपने खेत की गहरी जुताई कर खेत की मेढ़ को मजबूत कर लें ताकि बारिश का पानी खेत से बाहर ना जा पाए. अगर बारिश का पानी खेत से बाहर जाता है तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति में गिरावट आती है.
मिट्टी में बढ़ेगी नाइट्रोजन की मात्रा
कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि वायुमंडल में करीब 78% नाइट्रोजन पाई जाती है. पहली बारिश के साथ वायुमंडल में मौजूद नाइट्रोजन पानी के साथ मिट्टी में गिरती है. ऐसे में जरूरी है कि खेत की मेढ़ को मजबूत रखें ताकि खेत का पानी बाहर न जाए. जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा तो बढ़ेगी ही, साथ ही जल संरक्षण भी होगा. खेत में पानी भरा रहने से जमीन धीरे-धीरे पानी को सोख लेगा, जिससे भूमिगत जल स्तर में उछाल आएगा.
पानी के साथ बह जाते है जरूरी तत्व
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बारिश के दौरान खेत की मेढ़ अगर मजबूत न हो तो खेत से पानी दूसरे खेत में बहने लगता है. जिससे खेत की उपजाऊ मिट्टी बहकर दूसरे खेत में चली जाती है. उसके साथ-साथ ऊपरी मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व भी खेत से बहकर बाहर चले जाते हैं.
FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 19:59 IST