Search
Close this search box.

मामा कंस का वध करने के बाद कृष्ण और बलराम में हो गया था झगड़ा, भगवान शंकर ने इस तरह से सुलझाया मामला

निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: ब्रज की मिट्टी आज भी कान्हा की याद को अपने अंदर समेटे हुए है. यहां कण-कण में कान्हा की लीला आपको देखने को मिल जाएंगी. कृष्ण ने कहीं माखन चुराया तो कहीं मामा कंस के अत्याचारों से बृजवासियों को छुटकारा दिलाया. भगवान कृष्ण से जुडी एक लीला रंगेश्वर महादेव की भी है. मामा कंस के वध के बाद रंगेश्वर ने दोनों भाइयों का विवाद सुलझाया था. दोनों भाइयों में कंस को मारने को लेकर झगड़ा हुआ था.

धरती से प्रकट हुए थे रंगेश्वर महादेव
मथुरा के होलीगेट के समीप भगवान शिव विराजमान हैं. इन्हें रंगेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता के अनुसार भगवान रंगेश्वर ने कृष्ण और बलराम के झगड़े को सुलझाया था. बता दें की द्वापर युग में मथुरा में कंस राज किया करता था. मथुरा का राजा होने के साथ ही वो एक अत्याचारी भी था. मधुपुरी के लोगों को कंस परेशान करता था.

आताताई कंस के अत्याचार जब अधिक बढ़ने लगे तो ब्रजवासियों ने भगवान कृष्ण बलराम से उन्हें बचाने की गुहार लगायी. कंस को मारने के लिए कृष्ण बलराम मथुरा पहुंचे. मामा कंस ने अपने दोनों भांजो का स्वागत सत्कार किया. कंस ने अपने भांजों को अपने कंस टीले पर आने का आमंत्रण दिया. कंस का आमंत्रण दोनों भाइयों ने स्वीकार किया. कंस टीले पर कृष्ण बलराम पहुंचे तो कंस के मल्लों ने उन्हें लड़ने के लिए ललकारा. कृष्ण बलराम ने कंस के मल्लों को धारासाई कर दिया. इस पर कंस को क्रोध आया और उसने दोनों भांजों को लड़ने के लिए ललकारा. कृष्ण बलराम ने लड़ते समय कंस का वध कर दिया.

शिव ने सुलझाया था कंस वध का झगड़ा
रंगेश्वर मंदिर के पुजारी ने मंदिर की मान्यता के बारे में बताते हुए कहा की दोनों भाइयों में कंस को मारने को लेकर झगड़ा हुआ. भगवान शिव यहां धरती से प्रकट हुए. उन्होंने कहा की रंग है, रंग है, रंग है. शिव ने बताया की आप दोनों भाइयों ने कंस का वध किया है. कृष्ण ने छल से और बलराम ने बल से कंस को धरासाई किया है. इस तरह से महादेव ने कंस वध झगड़ा सुलझाया था.

FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 21:19 IST

Source link

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool