नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्रालय मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मेइती और कुकी दोनों समुदायों से बात करेगा. यहां मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए शाह ने निर्देश दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गृह मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए उन्हें रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए.
शाह ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य में हिंसा की कोई और घटना न हो. यहां एक वर्ष से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है. बयान में शाह के हवाले से कहा गया कि गृह मंत्रालय दोनों समूहों, मेइती और कुकी से बात करेगा, ताकि जातीय विभाजन को जल्द से जल्द पाटा जा सके.
उन्होंने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं तथा उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्य के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
शाह ने राहत शिविरों में स्थिति की भी समीक्षा की, विशेषकर भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में. उन्होंने चल रहे जातीय संघर्ष को हल करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया. बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार राज्य में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने में मणिपुर सरकार को सक्रिय रूप से सहयोग दे रही है.
मणिपुर में 3 मई, 2023 को बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद जातीय हिंसा हुई थी. तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं.
FIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 23:39 IST