गुमला: हमलोग अपने घर को आकर्षक व सुंदर दिखे, इसके लिए बगीचे में विभिन्न तरह के फूल-पौधे लगाते हैं. लेकिन उनमें फूल नहीं खिलते हैं, तो हमारी सारी मेहनत बेकार हो जाती है. हम पौधे तो लगा देते हैं, लेकिन उचित देखभाल नहीं कर पाने के वजह से पौधों में फूल नहीं आ पाते और पत्तियां भी पीली होकर गिरने लगती हैं. गुड़हल का पौधा अपने रंग-बिरंगे फूलों के लिए जाना जाता है. जिसे उड़हुल भी कहते हैं. जिसका प्रयोग अमूमन पूजा के लिए किया जाता है. लेकिन गर्मी के दिनों में अगर इसकी उचित देखभाल न की जाए,तो फूल नहीं खिलते हैं. इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं. जैसे पानी की कमी, खाद की कमी, कीटों का प्रकोप आदि. गर्मी के मौसम में गुड़हल के पौधों में फूल कम आना और पत्तियों का पीला होना आम समस्या है.
जुलाई महीना है सबसे उपयुक्त
कृषि वैज्ञानिक अटल तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि इस क्षेत्र में हमलोग ज्यादातर गुड़हल का पौधा पूजा पाठ करने के उद्देश्य से लगाते हैं. यह फिर एक तरीके से सजावटी के रूप में लगाते हैं. गुड़हल का पौधा लगाने के लिए जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त समय है,जो आने वाला है. उसमें हम लोग गुड़हल का पौधा लगा सकते हैं.
इस तरीके से लगाए गुड़हल का पौधा,फूल खिलेंगे भर-भर के
इसके लिए हम लोग सबसे पहले एक दोमट मिट्टी लेंगे. एक भाग केचुआ खाद और एक भाग में बालू लेंगे. फिर एक साथ तीनों को अच्छी तरह से मिलाएंगे. इस तरह से तैयार मिश्रण में हम लोग पौधा लगाएंगे और बराबर मात्रा में पानी देते रहेंगे. पानी देने से पहले मिट्टी को छूकर देख लें. सूखी रहने पर पानी दें व पौधे के जरूरत के अनुसार पानी दें. इतना भी नहीं दें कि ज्यादा हो जाए. गमले में पौधे लगाएं हैं, तो उसमें पानी निकासी के लिए छेद जरूर रखें व पानी बहुत ठंडा या गर्म न दें.
पौधे का ऐसे रखें देखभाल
अगर हम लोग समुचित मात्रा में पानी देते रहेंगे तो उसकी बढ़वार भी अच्छी होगी. फूल की गुणवत्ता भी अच्छी होगी. जिससे फूल अच्छा से खिलेंगे. उसमें फूलों की संख्या भी ज्यादा होगी. इस जिले की मिट्टी अम्लीय है. यदि प्रति पौधा लगभग 40 से 50 ग्राम बुझा चूना डाल दें, तो उससे और अच्छा फूलों की गुणवत्ता होगी. जिससे हम ज्यादा से ज्यादा समय तक उसको हरा भरा रख सकते हैं.
हमारे दिखने में भी ज्यादा अच्छा फूल, पौधा दिखेगा. फूल व पौधा की बढ़वार भी अच्छी होगी. फूल की क्वालिटी भी अच्छी होगी और ज्यादा संख्या में खिलेगी भी. अगर इस तरीके से हमलोग इसे मेंटेन करेंगे. देखभाल करेंगे. साथ ही साथ हर 2 महीना में केंचुआ खाद का उपयोग करते रहें. अगर केचुआ खाद नहीं मिल पा रहा है, तो बाजार में डीएपी, पोटाश मिलता है. गुड़हल के पौधा का यदि लगभग 1 साल हो गया, तो उसमें प्रति पौधा के हिसाब से डेढ़ सौ ग्राम डीएपी और 30 से 40 ग्राम पोटाश दोनों 2-2 महीना के अंतराल में डालते रहेंगे, तो फूलों का बहुत अच्छा उत्पादन होगा.
Tags: Agriculture, Gumla news, Jharkhand news, Latest hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : June 16, 2024, 10:39 IST