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खेत हैं बीमार, फसल हो रही खराब, इसलिए बीज का…कृषि वैज्ञानिक की बातें सुनकर खिसक जाएगी जमीन

विकाश पाण्डेय/सतना. मानसून के आते ही खरीफ सीजन में बोई जाने वाली फसलों की बुवाई प्रारंभ हो जाएगी. ऐसे में किसान बुवाई से पहले एक बात पर विशेष ध्यान दें. वह है खरीफ़ फसलों की बोनी से पहले बीजों का उपचार. बीज उपचार ना सिर्फ फसलों की उत्पादकता बढ़ाता है, बल्कि फसलों में लगने वाली बीमारियों के प्रकोप को भी कम करता है.

बीज उपचार के बारे में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने अहम जानकारी दी. उन्होंने लोकल18 को बताया कि दलहन, तिलहन, सब्जी या अन्य फसलो की बुवाई से पहले बीज उपचार जरूर करना चाहिए. चूंकि खेतों में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, रोग नाशक के लगातार प्रयोग से हमारे खेत बीमारू हो चुके हैं. इन खेतों से स्वस्थ, गुणवत्तायुक्त उत्पादन मिले, इसके लिए बीज का उपचार करना जरूरी है.

कैसे करें बीज उपचार
बीज उपचार करने के लिए आप वीटावैक्स पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह फफूंदनाशक कार्बोक्सिन और थायरम का मिश्रण है. इसमें कार्बोक्सिन 37.5 प्रतिशत और थायरम 37.5 प्रतिशत रहते हैं. धान्य फसलो के बीज उपचार के लिए आप 2 ग्राम प्रति किलो की मात्रा में लेकर बीज उपचार करें. ध्यान रहे दलहनी फसलों के बीज उपचार में इस दवा की मात्रा बढ़ जाती है. दलहनी फसलों के लिए वीटावैक्स की मात्रा प्रति किलो बीज में 2.5 ग्राम से 3 ग्राम तक लेनी होती है.

फसलों को निरोगी बनाता है बीज उपचार
बीटावैक्स कार्बोसिन और थायरम का मिश्रण है, ऐसे में कार्बोसिन पानी में घुलकर बीज के अन्दर तक प्रवेश कर जाता है. बीज के अन्दर फफूंदी सुषुप्तावस्था में रहती है. यह बीज बोने के बाद उनके अंकुरण के साथ ही पौधों को ग्रसित कर लेती है. इन फफूंदियों को वीटावैक्स पावर का कार्बोसिन तत्व नष्ट कर देता है और फसल को प्रारम्भिक अवस्था में ही निरोगी बना देता है. वीटावैक्स पावर का दूसरा तत्व थायरम है जो सम्पर्क फफूंदीनाशक है. यह बीज के ऊपर लगी तथा भूमि में स्थित फफूंदियों को नियंत्रित करता है. बीज उपचार से बीज व भूमिजनित दोनों प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं.

बीज उपचार के लाभ
1.
बीज उपचार के बाद मिट्टी और बीज में होने वाले रोग/कीटों का नाश हो जाता है. अंकुरित होने वाले बीजों की सुरक्षा होती है और बीज अच्छे तरीके से अंकुरित होता है.
2. शुरुआती समय से फसल की बढ़वार तक समान रूप से खड़े होने व विकास में सहायक.
3.फली की फसल में नॉड्यूलेशन बढ़ाता है.
4. मृदा अर्थात मिट्टी एवं पत्ते के अनुप्रयोग से एक समान फसल ली जा सकती है.
5. मौसम की विपरीत परिस्थितियों में भी बीज के जमाव में वीटावैक्स बीज उपचार सहायक होता है.

Tags: Agriculture, Crop Damage, Local18, Satna news

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