खरगोन. किसान खरीफ सीजन में धान की अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं तो खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए. इससे भूमि की ऊपरी सतह नीचे और निचली सतह ऊपर जा जाती है. इस प्रक्रिया की वजह से मिट्टी के नीचे दबे कीड़े-मकोड़े ऊपर आ जाते हैं और सूर्य की तेज रोशनी पड़ने से वे मर जाते हैं. पक्षी भी इन कीड़ों को खा लेते हैं, जिससे उत्पादन के साथ अगली फसल में खरपतवार भी नहीं देखने को मिलते. उत्पादन बढ़ता है.
इसके अलावा मिट्टी में नमी बनी रहती है. पोषक तत्व मिट्टी के नीचे तक चले जाते हैं. खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीएस कुलमी ने Local 18 को बताया की खरीफ सीजन में किसान कपास, मक्का, मिर्च, मूंग, उड़द आदि फसलों की खेती करते हैं. लेकिन, खरपतवार और कीटों की वजह से उत्पादन घट जाता है. वहीं, अगर गर्मी में मिट्टी की गहरी जुताई करते हैं तो सूर्य की सीधी रोशनी पड़ने से मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है.
नष्ट हो जाते हैं कीटों के अंडे
वैज्ञानिक ने बताया कि गर्मी में जमीन की गहरी जुताई करने से कीट नियंत्रित होते हैं. ऐसे कीट जो अपने अंडों को मिट्टी की गहराई में रख देते हैं और पहली बारिश साथ विकसित होना शुरू हो जाते हैं. लेकिन, जब गर्मियों में गहरी जुताई की जाती है, तो अंडे ऊपर आ जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं.
खरपतवारों से छुटकारा
बता दें कि गर्मी के दिनों में गहरी जुताई करते हैं तो बहुत सी बहुवर्षीय खरपतवारों को रोका जा सकता है. इन खरपतवारों की जड़ जमीन में काफी गहरी फैली हुई होती है. गहरी जुताई करने से यह जड़ें नष्ट हो जाती हैं.
जुताई से मिलेगी नाइट्रोजन
जमीन की गहरी जुताई करते है तो भरपूर मात्रा में वायु संचार होता है. सूरज की किरणें जब मिट्टी के अंदर जाती हैं, तो पौधे खनिज पदार्थों को आसानी से ग्रहण कर लेते हैं. जुताई करने के बाद जमीन को धूप और वायु भरपूर मात्रा में मिलती है, जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन तेजी से बनता है.
इस तरीके से करें खेत की जुताई
कृषि वैज्ञानिक डॉ. कुलमी ने बताया कि गर्मी में 15 सेंटीमीटर तक गहरी जुताई करनी चाहिए. लेकिन, हर साल गहरी जुताई नहीं करनी है, तीन चार साल में एक बार ही करना चाहिए. खेत में डाल के आधार पर जुताई करनी चाहिए. अगर ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर करें. इससे अगली फसल में अधिक उत्पादन ले पाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 19:03 IST