हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश की यात्रा में पर्यटकों का रुझान बढ़ा है. अब तक 5000 से अधिक यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर चुके हैं. आदि कैलाश दर्शन कर धारचूला लौटे दिल्ली यूथ हॉस्टल ग्रुप के सदस्यों ने मीडिया से यात्रा के अनुभव को साझा किया. जिसमें उन्होंने यहां की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है
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आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करने इन दोनों हर रोज सैकड़ों की संख्या में यात्री धारचूला पहुंच रहे हैं. धारचूला में सीमित संसाधन होने के कारण यहां यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. जिनमें से सबसे प्रमुख समस्या है पार्किंग की. पार्किंग ना होने की वजह से यहां रुकना पर्यटकों के लिए सर दर्द ही बना हुआ है. साथ ही संचार और स्वास्थ्य की सुविधा भी पर्यटकों को मायूस कर रही है.
स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी
दिल्ली के यात्री प्रेमपाल सिंह ने बताया ज्योलिंगकांग से गौरीकुंड जाने वाले मार्ग में साइन बोर्ड नहीं होने के कारण यात्रियों को मार्ग में परेशानी हो रही है. साथ ही ज्योलिंगकांग में यात्रियों के लिए आपातकालीन स्थिति में मेडिकल सुविधा नहीं होने से पर्यटकों को असुविधा ही होती है.
सीमित संसाधन बन रहे सिर दर्द
मुंबई की यात्री डॉक्टर सुधन्या ने बताया कि यात्रा के दौरान बुदी छियालेख, गर्बयांग, नपलचू, गूंजी, नाबी, कुटी, ज्योलिंगकांग व नाभीढांग में संचार सुविधा की अत्यंत आवश्यकता है. जिससे सभी लोग यहां आसानी से रुक सकें. यहां पहुंचे सभी यात्रियों ने व्यास वैली की जमकर तारीफ की है, साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर सरकार यहां मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करती है तो निश्चित ही यह जगह उत्तराखंड के पर्यटन के नक्शे में सबसे आगे होगी.
FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 15:28 IST