Kidney Stones: गुर्दे में पथरी या किडनी स्टोन के मामले भारत में गंभीर बनते जा रहे हैं. किडनी स्टोन के खास मामले उत्तर भारत में सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं, इसलिए इस क्षेत्र को स्टोन बेल्ट कहा जाने लगा है. एक्सपर्ट ने न्यूज 18 को बताया कि पिछले कुछ सालों में ही भारत में किडनी स्टोन के मामले 3 से 10 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं. किडनी स्टोन की बीमारी सबसे अधिक युवा वर्गों में हो रही है. खासकर 15 से 35 साल की उम्र के बीच के लोगों में. डॉक्टरों ने बताया कि इसकी मुख्य वजह यंग जेनरेशन द्वारा बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठी और नमकीन चीजों का सेवन है. इसके अलावा सबसे अधिक किडनी स्टोन इसलिए हो रहे हैं क्योंकि युवा वर्ग पानी बहुत कम पीने लगे हैं.
उत्तर भारत में किडनी स्टोन की मुख्य वजहें
पूरे भारत में किडनी स्टोन के मामलों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन जब बात उत्तर भारत की आती है तो वहां किडनी स्टोन के मामलों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. डॉक्टरों ने बताया कि इसकी मुख्य वजह यहां के लोगों द्वारा बहुत अधिक डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना है. इसमें बहुत अधिक फैट रहता है जिसका सही से पाचन नहीं हो पाता है और यह शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा देता है जो पथरी के रूप में किडनी में जमा होने लगता है. इसके अलावा यहां के लोग प्रोटीन वाले फूड का बहुत कम सेवन करते हैं. इनके भोजन में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है और पानी की मात्रा बहुत कम होती है. एक अध्ययन के मुताबिक हालांकि दुनिया भर में किडनी स्टोन के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन उत्तर भारत में इसका प्रसार तेजी से हो रहा है. विश्व में किडनी स्टोन के मामले 12 प्रतिशत बढ़े हैं जबकि उत्तर भारत में यह 15 प्रतिशत है.
15 प्रतिशत मामले बढ़े
मारेंगो एशिया अस्पताल फरीदाबाद में किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसीन के डायरेक्टर डॉ. श्रीराम काबरा बताते हैं कि जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को किडनी स्टोन हुआ है, उनमें यह बीमारी होने की आशंका ज्यादा रहती है लेकिन पिछले 10-15 सालों से देखा जा रहा है कि यह तेजी से हर तरह के लोगों में फैल रहा है, खासकर युवा जेनरेशन में. डॉ. श्री राम काबड़ा ने बताया कि किडनी स्टोन की बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को बहुत ज्यादा हो रही है. कम से कम दोगुनी. धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. एल के झा ने भी बताया, “मेरे पास हर महीने में कम से कम एक मरीज ऐसा आता है जिसकी किडनी में स्टोन होता है. इनमें जेन जे और मिलिनियल युवा की संख्या ज्यादा होती है.” उन्होंने बताया कि गतिहीन जीवनशैली किडनी स्टोन को बढ़ाने में बिलेन का काम करती है.
क्यों बनते हैं किडनी स्टोन
किडनी हर मिनट एक कप खून को छानती है. इससे खून में बना टॉक्सिन भी पेशाब के रास्ते निकल जाता है. लेकिन जब हम पानी कम पीते हैं और हाइड्रेट रहते हैं तो यह टॉक्सिन किडनी में लंबे समय तक जमने लगता है जो बाद में किडनी स्टोन में बदलने लगता है. यह कई साइज के हो सकते हैं. इसमें पेट के नीचले हिस्से में बहुत तेज या मध्यम दर्द करता है और पेट में ऐंठन महसूस होती है. कभी-कभी बुखार और ठंड लगती है और उल्टी भी हो सकती है.
किडनी स्टोन से कैसे बचें
किडनी स्टोन से बचने के लिए रोज पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, साइट्रस फ्रूट खाएं, साइट्रस फ्रूट में संतरा, चकोतरा, नींबू आदि का सेवन करें. इसके अलावा हरी पत्तीदार सब्जियों को रोज अपने भोजन में शामिल करें. किडनी स्टोन से बचने के लिए प्रोसेस्ड फूड, अल्कोहल, पिज्जा, बर्गर आदि का सेवन न करें. नियमित रूप से एक्सरसाइज भी करना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 13:33 IST