‘हम मुसलमान को नागरिकता नहीं देंगे’, किसने उठाए CAA पर सवाल, जानिये क्या है यह कानून

पटना. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) यानी CAA लागू हो गया है. इसको लेकर विभिन्न तबकों में अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इस क्रम में राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस कानून को मसलमानों के विरुद्ध भेदभाव वाला बताया है. उन्होंने इस कानून को लागू किए जाने की घोषणा को आगामी लोकसभा चुनाव भी से भी जोड़ा और केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये.

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, आप समझ लीजिए कि कैसे समय में सीएए लाया गया है. इस कानून को पढ़िए इसमें आपने लिखा है कि ‘हम मुसलमान को नागरिकता नहीं देंगे’. राजद नेता ने कहा, हमारा संविधान क्या कहता है धर्मनिरपेक्षता और प्रजातंत्र सबसे पहले है, लेकिन इस पूरे कानून का मतलब ही क्या है.

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने इस कानून के समय पर ही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कानून लाया गया है इससे लोग भ्रमित हो रहे हैं. इससे लोकसभा चुनाव से पहले लाने का मकसद क्या है. यहां यह भी बता दें की राजद की सहयोगी कांग्रेस के नेता ने इस कानून का स्वागत किया है.

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होने के बाद देशभर में अलग-अलग राजनीतिक दल व मुस्लिम नेता भी सीएए का स्वागत कर रहे हैं. बिहार के मुस्लिम नेताओं ने भी खुलकर सीएए का स्वागत किया है और कहा है कि इस कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. बिहार कांग्रेस के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कौकब कादरी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नोटिफिकेशन स्वागत किया है.

'हम मुसलमान को नागरिकता नहीं देंगे', किसने उठाए CAA पर सवाल, जानिये क्या है यह कानून

कौकब कादरी ने कहा, नागरिकता संशोधन अधिनियम से किसी भी मुसलमान को डरने की जरूरत नहीं है. यह कानून नागरिकता लेती नहीं बल्कि देती है. इस कानून का स्वागत किया जाना चाहिए. वहीं, बिहार में सत्ताधारी दल जदयू के एमएलसी ख़ालिद अनवर ने भी सीएए का स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने कुछ तकनीकी पक्ष को लेकर सरकार से सवाल भी पूछे हैं.

CAA कानून के बारे में जानिए
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान शामिल है. संसद के दोनों सदनों से सीएए 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था. इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी.

किन पर लागू होगा CAA कानून
यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. ऐसी स्थिति में आवेदनकर्ता को साबित करना होगा कि वो कितने दिनों से भारत में रह रहे हैं. उन्हें नागरिकता कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा.

Tags: Anti-CAA Protest, Bihar News, CAA, CAA Law, CAA-NRC, PATNA NEWS

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