नई दिल्ली. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी का सोमवार शाम को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. वो लंबे वक्त से कैंसर की बीमारी से ग्रस्त थे. सुशील मोदी का निजी जीवन बेहद दिलचस्प रहा है. बिहार बीजेपी का बड़ा चेहरा रहे सुशील मोदी ने अपनी एमएससी की पढ़ाई पूरी नहीं की थी. उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर निजी जीवन में ऐसा क्या हुआ जो सुशील मोदी ने पढ़ाई ही बीच में छोड़ दी. चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
दरअसल, पटना साइंस कॉलेज से बॉटनी में बीएसई की पढ़ाई करने के बाद सुशील कुमार मोदी ने इसी विषय में एमएसई की पढ़ाई शुरू की. सुशील मोदी बिहार और देश की राजनीति से काफी ज्यादा प्रभावित थे. साल 1975 में जब जेपी आंदोलन शुरू हुआ तो वो उससे जुड़ गए. इस दौरान उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी. इसके बाद फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जिसकी वजह से उनकी एमएसई की पढ़ाई भी अधूरी रह गई. सुशील मोदी का राजनीतिक करियर पटना विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ था. वह 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने. लालू प्रसाद यादव उस समय संघ के अध्यक्ष थे. बाद में राजनीति में लालू उनके सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बने.
5 बार हुए गिरफ्तार…
1974 में वो बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के सदस्य बने. इसी संगठन ने 1974 के प्रसिद्ध बिहार छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान सुशील कुमार मोदी को पांच बार गिरफ्तार किया गया था. 1974 में बिहार में छात्र आंदोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मीसा अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप मीसा अधिनियम की धारा 9 को असंवैधानिक करार दिया गया था. उनपर 1973 से 1977 तक एमआईएसए और कई अन्य अधिनियमों के तहत मामला दर्ज किया गया था. आपातकाल के दौरान, उन्हें 30 जून 1975 को गिरफ्तार किया गया था और लगातार 19 महीने तक जेल में रहे.
FIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 23:19 IST