अनंत कुमार/गुमला. आजकल के इस बिजी लाइफ में बीपी यानि ब्लड प्रेशर की समस्या आम हो गई है. बीपी बढ़ना या घटना दोनों ही हमारे लिए नुकसान दायक है. बीपी की समस्या आजकल के खान-पान और जीवन शैली का नतीजा है. बीपी को कंट्रोल में रखा जाए तो कई बिमारियों से बचा जा सकता है.
बीपी बढ़ने से बहुत जोर से सिरदर्द, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, स्किन पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देने लगते हैं. बीपी हाई होने से दिल के रोग और यहां तक की समय से पूर्व मौत भी हो सकती है. इसके होने के कई कारण हैं जैसे उम्र,जेंडर, आनुवंशिकता, मोटापा आदि.बीपी कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज और डाइट बहुत ही महत्वपूर्ण है.
जानें बीपी घटने या बढ़ने पर क्या करना चाहिए
डॉ अनुपम किशोर RIMS से एमबीबीएस, एमडी किए हुए हैं. इसके अलावा फिजिशियन भी हैं. वर्तमान में सदर अस्पताल गुमला के उपाधीक्षक पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया आजकल लोगों में बीपी की समस्या आम हो गई है. लोगों ने फिजिकली एक्टिविटी जैसे पैदल चलना, एक्सरसाइज आदि कम कर दिए हैं या बिलकुल ही बंद कर दिए हैं. हर छोटे छोटे कामों में भी गाड़ी का प्रयोग करते हैं. इसके साथ ही रहन सहन ,खान पान का भी ढंग बदला है.
खान पान व एक्सरसाइज है जरूरी
जो बीपी होने के प्रमुख कारणों में से एक है. हमलोग अधिक तेल मसाला,घी, इत्यादि का खाना ज्यादा खा रहे हैं. जिससे मोटापा हो रहा है. जो बीपी बढ़ने का एक प्रमुख कारण है. हाइपरटेंशन होने से बहुत तरह की समस्या हो सकती है. जैसे ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन की नसे फट सकती है. हार्ट का प्रॉब्लम हो सकता है. मस्तिष्क ,दिल इत्यादि कई प्रॉब्लम हो सकते हैं. इससे बचने के लिए एक्टिव रहे,मॉर्निंग,इवनिंग वॉक करें. पैदल चले, एक्सरसाइज करें .तेल मसाला,घी,जंक फूड,फास्ट फूड का कम प्रयोग करें. टमाटर,संतरा जूस,केला,पालक,पत्ता गोभी, अंकुरित अनाज आदि का सेवन करें. बीपी कम होने से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है, इसके लिए पानी, चीनी, नमक का घोल पिए,पानी,नारियल पानी का अधिक सेवन करें.जिससे डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है. नियमित रूप से बीपी चेक करें. बीपी हाई या लो हो तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें और उचित सलाह ले और दवा का सेवन करें.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 12:47 IST