पंकज सिंगटा/शिमलाः शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में लगे 10 महाविद्याओं के चित्र अपने आप में आस्था और कला का एक बेजोड़ उदाहरण है. सनातन में मान्यता रखने वालों के साथ साथ यह चित्र विदेशी सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. इन चित्रों को विश्वप्रसिद्ध चित्रकार सनत कुमार चटर्जी द्वारा बनाया गया था. सनत कुमार चटर्जी जब इन चित्रों को बना रहे थे. उस समय का एक किस्सा बड़ा मशूहर है. दरअसल, सनत जब इन चित्रों को बना रहे थे, तो उनके सर और शरीर के सारे बाल पूरी तरह से झड़ गए थे. इन बालों के झड़ने का कारण महाविद्याओं के तेज को माना जाता है.
सनत कुमार चटर्जी के सुपुत्र और हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के विजुअल आर्ट्स विभाग के डीन हिम चटर्जी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उनके पिता जब 10 महाविद्याओं के चित्रों को बना रहे थे तो महाविद्याओं के तेज से उनके शरीर के सारे बाल झड़ गए थे. चित्रों को पूरा करने के कुछ दिनों बाद जब उनके बाल आए है. वह बेहद सुंदर थे और ऐसे बाल हमारे परिवार में आज तक किसी के नहीं हुए.
सनातन धर्म एक शुद्ध विज्ञान
हिम चटर्जी बताते है कि सनातन धर्म एक शुद्ध विज्ञान है. यहां हर छोटी-छोटी धारणाओं के साथ विज्ञान छुपा हुआ है. जब भी हम काली माता या ब्रह्मांड की बात करते है तो एक अज्ञात ऊर्जा का आभास होता है. एक मूर्ति को देख कर ही लोग ऊर्जा का आभास करते है. इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 10 महाविद्याओं में कितनी ऊर्जा रही होगी. जब तक किसी ऊर्जा को अपने अंदर महसूस न किया जाए, तब तक उसे बनाना संभव नहीं है. उन दिनों सनत जिस अध्यात्म और ऊर्जा में रहे, शायद इसी ऊर्जा और तेज का असर रहा होगा कि महाविद्याओं के चित्रों को बनाने के दौरान उनके शरीर के सारे बाल गायब हो गए.
.
Tags: Himachal pradesh news, Hindi news, Latest hindi news, Local18, Shimla News
FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 11:39 IST