पिता को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद बेटी ने निभाया लोकतंत्र के प्रति फर्ज… आंखों में आंसू फिर भी किया मतदान

शाश्वत सिंह / रियासी : लोकतंत्र का महापर्व चल रहा है. लोकसभा चुनाव के दो चरण के लिए मतदान संपन्न हो चुके हैं. हर तरफ 2019 की अपेक्षा कम मतदान प्रतिशत पर चर्चा हो रही है. इन सब के बीच एक घटना ऐसी भी है, जो आपको मतदान के लिए प्रोत्साहित कर देगी. यह घटना है जम्मू लोकसभा क्षेत्र के रियासी जिले की है. गौरतलब है कि 2019 में रियासी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र ऊधमपुर कठुआ डोडा संसदीय सीट का हिस्सा थे. लेकिन परिसीमन के बाद तीनों विधानसभा क्षेत्रों को ऊधमपुर कठुआ संसदीय सीट से अलग कर जम्मू संसदीय क्षेत्र से जोड़ दिया गया है. यहां की एक बेटी ने पिता के देहांत बाद विलाप बाद में किया, लेकिन वोट पहले दिया. बेटी के साथ ही पूरे गांव ने भी अंतिम यात्रा में जाने से पहले मतदान करने का फर्ज निभाया.

रियासी शहर के समीप नवाबाद के लोग सुबह वोट डालने के लिए मतदान केंद्र जाने की तैयारी कर रहे थे. उसी समय खबर आई की इलाके में रहने वाले 80 साल के अब्दुल गफूर का निधन हो गया है. आस पास के लोग घर पर इकट्ठा होने लगे. अंतिम रस्मों की तैयारी शुरु हो गई. सुपुर्द-ए-खाक में अभी समय था. ऐसे में गांव के लोगों ने तय किया कि कुछ लोग जनाजे से पहले और कुछ लोग बाद में लौटकर मतदान करेंगे. लोग मतदान केंद्र पहुंचे और मतदान करके लोकतंत्र के प्रति अपना फर्ज निभाया.

बेटी ने निभाए दो फर्ज
सिर्फ गांव के लोग ही नहीं बल्कि पिता को सदा के लिए खो देने वाली बेटी मुमताज ने भी अपने दुख को मतदान के कर्तव्य पालन पर भारी नहीं पड़ने दिया. सुपुर्द-ए-खाक की रस्म पूरी होते ही मुमताज मतदान केंद्र पहुंची और वोट दिया. मुमताज के चेहरे पर पिता को खोने का गम और आंखों में आंसू थे. लेकिन, मन में लोकतंत्र के प्रति फर्ज निभाने का संतोष था.

Tags: Jammu kashmir news, Local18

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