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1995, तंदूर हत्याकांड: नैना साहनी हत्याकांड, तंदूर हत्याकांड के नाम से मशहूर है, आरोपी सुशील शर्मा, मतलूब करीम नाम के एक व्यक्ति के साथ एडल्ट्री और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के संदेह में अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर दी थी. 2 जुलाई 1995 की रात को शर्मा ने अपनी पत्नी नैना की गोली मारकर हत्या कर दी. फिर, उसने अपने दोस्त केशव कुमार की मदद से उसके शरीर को काटकर बघिया नामक रेस्तरां के तंदूर में जलाकर ठिकाने लगाने की कोशिश की. 7 नवंबर 2003 को, शर्मा को दोषी ठहराया गया और मौत की सजा दी गई, हालांकि, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा द्वारा अपनी पत्नी के शरीर को काटने का कोई सबूत नहीं होने का हवाला देते हुए सजा कम कर दी थी. उसी वर्ष अक्टूबर में, तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पहले की सजा को बरकरार रखा लेकिन इसे घटाकर आजीवन कारावास में बदल दिया. अपराध के 20 साल से अधिक समय बाद, 2018 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सुशील शर्मा को तुरंत जेल से रिहा किया जाए.