नई दिल्ली2 घंटे पहले
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कॉम्पिटिशन एंड कंज्यूमर कमीशन ऑफ सिंगापुर (CCCS) ने एअर इंडिया और विस्तारा के प्रस्तावित मर्जर को मंजूरी दे दी है। CCCS ने ये मंजूरी दोनों एयरलाइन के बीच मर्जर की डील की घोषणा के 15 महीने बाद दी है। कंपनियों ने नवंबर-2022 में मर्जर डील साइन की थी। वहीं, इस मर्जर को भारतीय नियामक CCI सितंबर-2023 में मंजूरी दे चुका है।
इस मर्जर के बाद अब एअर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक एयरलाइन और सबसे बड़ी इंटरनेशनल एयरलाइन बन गई है। सिंगापुर कम्पिटिशन ने कहा कि वो टाटा ग्रुप की मालिकाना हक वाली एअर इंडिया और टाटा-सिंगापुर एयरलाइंस की ज्वाइंट वेंचर वाली एयरलाइंस विस्तारा के मर्जर को मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
नई फर्म में एअर इंडिया की 74.9% हिस्सेदारी
विस्तारा में टाटा संस की 51% और सिंगापुर एयरलाइंस की 49% हिस्सेदारी है। डील के तहत, नई फर्म में टाटा की 74.9% और सिंगापुर एयरलाइन (SIA) की 25.1% हिस्सेदारी होगी। नई फर्म का नाम AI-विस्तारा-AI एक्सप्रेस-एयर एशिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (AAIPL) होगा।
प्री-कोविड लेवल के मुताबिक ऑपरेट करेंगे फ्लाइट्स
रॉयटर्स के रिपोर्ट के अनुसार, CCCS ने कहा कि सिंगापुर और भारत के बड़े शहरों नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली के बीच सबसे ज्यादा डायरेक्ट फ्लाइट्स में अधिक मार्केट शेयर इन्हीं एयरलाइंस के पास है जो चिंता का कारण है।
इस पर दोनों एयरलाइंस ने कहा कि वे प्री-कोविड लेवल के मुताबिक फ्लाइट्स को ऑपरेट करेंगे। साथ ही इंडीपेंडेंट डायरेक्टर्स को नियुक्त कर अनुपालन को मॉनिटर करने के साथ कैपिसिटी कमिटमेंट, सालाना रिपोर्ट और अंतरिम रिपोर्ट जमा करेंगे। इसके बाद सिंगापुर आयोग ने डील को मंजूरी दे दी।
रेग्यूलेटरी और FDI अप्रूवल मिलना बाकी
एयर इंडिया के विलय को दूसरे रेग्यूलेटरी और फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट का अप्रूवल मिलना बाकी है। सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने कहा कि मर्जर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सिंगापुर एयरलाइंस अपने पार्टनर टाटा संस के साथ बाकी मंजूरी हासिल करने की दिशा में काम करेंगे। हालांकि एयर इंडिया की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
फुल-सर्विस और लो-कॉस्ट वाली पहली एयरलाइन
एअर इंडिया (एअर इंडिया एक्सप्रेस और एयर एशिया इंडिया सहित) और विस्तारा के पास कुल 218 वाइडबॉडी और नैरोबॉडी एयरक्राफ्ट हैं, जो 38 इंटरनेशनल और 52 डोमेस्टिक डेस्टिनेशन पर सर्विस देते हैं। विस्तारा, टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड के बीच 51:49 का जॉइंट वेंचर है।
इसे 2013 में स्थापित किया गया था और यह मध्य पूर्व, एशिया और यूरोप में इंटरनेशनल ऑपरेशन्स के साथ भारत का लीडिंग फुल सर्विस कैरियर है। मर्जर के बाद, एअर इंडिया फुल-सर्विस और लो-कॉस्ट वाली पैसेंजर सर्विस दोनों को ऑपरेट करने वाला एकमात्र भारतीय एयरलाइन ग्रुप होगा। भारत का एविएशन मार्केट वर्तमान में दुनिया का तीसरा बड़ा बाजार है। अगले 10 साल में इसके दोगुना होने की उम्मीद है।
डिपार्चर के पहले पॉइंट पर ही पूरी यात्रा के लिए मिल जाएंगे बोर्डिंग पास
इस पार्टनरशिप के तहत दोनों एयरलाइन के लिए डिपार्चर के पहले पॉइंट पर ही पूरी यात्रा के लिए बोर्डिंग पास मिल जाएंगे। अपने पहले पॉइंट पर ही बैगेज चेक-इन भी करा सकेंगे।
इसके अलावा फ्लाइट के लेट होने, कैंसिलेशन और डायवर्ट जैसी स्थितियों में दोनों एयरलाइंस एक दूसरे की फ्लाइट का इस्तेमाल कर सकेंगी। यानी एअर इंडिया के पैसेंजर्स को विस्तारा और विस्तारा के पैसेंजर्स को एअर इंडिया की प्लाइट में ट्रांसफर किया जा सकेगा।