कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख को लेने सीआईडी के ऑफिस गई तो उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. बताया जा रहा है कि सीआईडी ने सुप्रीम कोर्ट में केस होने का हवाला देते हुए शेख की कस्टडी देने से मना कर दिया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता में शाहजहां शेख और अन्य के खिलाफ चल रही जांच में मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से 12.78 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति को अटैच किया है.
आपको बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का मंगलवार को आदेश दिया. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए.
मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि निर्देशों का पालन मंगलवार को ही शाम 4.30 बजे तक का समय दिया था. इसी आदेश के आधार पर सीबीआई शाहजहां शेख को कस्टडी में लेने गई थी. ईडी और राज्य सरकार दोनों ने एकल पीठ के 17 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर उग्र भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया गया था.
यद्यपि ईडी चाहता था कि जांच केवल सीबीआई को हस्तांतरित की जाए, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच केवल राज्य पुलिस को दी जाए. हाईकोर्ट द्वारा यह आदेश दिये जाने के एक दिन बाद राज्य पुलिस ने टीएमसी नेता शेख को गिरफ्तार किया था कि महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और संदेशखालि में जमीन हड़पने के मुख्य आरोपी शेख को सीबीआई, ईडी या पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है.
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Tags: CBI, West bengal
FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 19:34 IST